Kidney Transplant : नई किडनी लगाने के बाद खराब किडनी का क्या होता है? डॉक्टरों ने बताया

भारत में किडनी की बीमारियां का दायरा बढ़ रहा है. खानपान की खराब आदतों और बिगड़े हुए लाइफस्टाइल की वजह से यह ऑर्गन खराब हो रही हैं. जब किडनी डैमेज हो जाती है तो मरीज की जान बचाने के लिए ट्रांसप्लांट किया जाता है. डायबिटीज, हाई बीपी के कारण किडनी फेल होने के मामले ज्यादा आते हैं. अगर किसी व्यक्ति को अधिक थकान रहती है. बार-बार यूरिन आता है और हाथ. टखने या चेहरे पर सूजन आने लगती है तो यह किडनी खराबी के लक्षण होते हैं. लेकिन लोग इन लक्षणों पर ध्यान नहीं देते और किडनी खराब होने लगती है और फेल हो जाती है. इस स्थिति में ट्रांसप्लांट करने की जरूरत पड़ती है.
ट्रांसप्लांट के लिए एक डोनर की जरूरत होती है. डोनर की किडनी स्वस्थ होनी चाहिए. जीवित या मृतक किसी की भी स्वस्थ किडनी मरीज में ट्रांसप्लांट की जा सकती है. अधिकतर मामलों में डायलिसिस पर चल रहे मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट की जाती है. ट्रांसप्लांट के लिए एक ऑपरेशन किया जाता है. जिसमें कुछ घंटों का समय लगता है. ट्रांसप्लांट के दौरान डॉक्टरों की एक बड़ी टीम मरीज की सर्जरी करती है और शरीर के अंदर स्वस्थ किडनी को ट्रांसप्लांट कर देती है.
इस ऑपरेशन के कुछ इसके समय बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है. जिस मरीज की किडनी ट्रांसप्लांट की जाती है उसको कई बातों का ध्यान रखना होता है और दवाओं का लंबा कोर्स चलता है. डॉक्टरों की सलाह के हिसाब से डाइट लेनी होती है. शराब स्मोकिंग और फास्ट फूड से दूरी बनाकर रखनी होती है. डॉक्टर वजन कम रखने और ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी से बचने की सलाह देते हैं.
खराब किडनी का क्या होता है?
सफदरजंग हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी विभाग में एचओडी डॉ हिमांशु वर्मा बताते हैं कि जब डॉक्टर किडनी का ट्रांसप्लांट करते हैं तो बेकार किडनी को शरीर से बाहर नहीं निकालते हैं. खराब किडनी को शरीर के अंदर ही रहने दिया जाता है. नई किडनी को निचले पेट में आगे की तरफ ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है और पीछे की तरफ पुरानी किडनी रहती है. यानी ट्रांसप्लांट के बाद इंसान के शरीर में कुल तीन किडनी हो जाती है, लेकिन काम दो ही करती है. खराब किडनी अंदर रहती है, लेकिन अगर खराब किडनी का साइज बहुत बड़ा हो जाता है या उसके कारण हाई ब्लड प्रेशर या किडनी इंफेक्शन जैसी दिक्कतें पैदा होती रहती हैं, तब डॉक्टर जांच के बाद उसे निकलाते हैं, लेकिन ऐसा बहुत कम मामलों में होता है.
किन आदतों से खराब होती है किडनी
डॉ हिमांशु बताते हैं कि किडनी की खराबी के कई कारण होते हैं. इनमें सबसे प्रमुख है खानपान की गलत आदतें. जो लोग डाइट में ज्यादा नमक, चीनी खाते हैं या फिर शराब का अधिक सेवन करते हैं उनकी किडनी खराब होने का रिस्क होता है. सोडियम और पोटेशियम ज्यादा होने के कारण किडनी खराब होती है. इसके लक्षण शुरुआत में ही दिखने लग जाते हैं, लेकिन लोग इनकी ओर ध्यान नहीं देते हैं.
जब किडनी बिलकुल खराब हो जाती है तब लोगों को इसका पता चलता है. ऐसे में मरीज डायलिसिस पर आ जाता है. अगर किडनी फेल हो जाती है तो ट्रांसप्लांट करना पड़ता है, हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि जिसकी किडनी खराब हो जाए उसे डोनर तुरंत मिल जाए. कई मामलों में डोनर मिल नहीं पाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि किडनी खराब होने के मामले ज्यादा हैं, लेकिन अंगदान करने वालों की संख्या उसकी तुलना में काफी कम है.
किडनी को कैसे रखें स्वस्थ
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में नेफ्रोलॉजीप विभाग में डॉ वैभव तिवारी बताते हैं कि किडनी को अच्छा रखना है तो सबसे जरूरी है कि खानपान बेहतर रखें. अपनी डाइट में फल हरी सब्जियां शामिल करें. प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा नमक खाने से बचें. तंबाकू और शराब का सेवन न करें. हर दिन एक्सरसाइज करें और साल में एक बार अपनी किडनी की जांच करा लें. अगर आपको डायबिटीज या हाई बीपी की समस्या है तो उनको कंट्रोल में रखें. डॉक्टरों की सलाह के बिना दवाओं का सेवन न करें.

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