केके पाठक कमिटी का सीधा फरमान, नियोजित शिक्षकों ने नहीं किया यह काम तो जाएगी नौकरी, लिया गया बड़ा फैसला

नियोजित शिक्षकों से जुड़ी बड़ी खबर है कि सेवा में बने रहने के लिए उन्हें सक्षमता परीक्षा देनी होगी. यह परीक्षा अधिकतम तीन बार देने का मौका मिलेगा. मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान फैसले के तहत तीनों बार में परीक्षा पास करनेवालों की नौकरी नहीं जाएगी. बताया जा रहा है कि यह फैसला शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कमिटी की बैठक के बाद लिया गया है. बता दें कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा लिए जाने का प्रावधान किया गया है. इसके दायरे में राज्य के लगभग साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षक आते हैं और इनके लिए ही सक्षमता परीक्षा का आयोजन होगा.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कमिटी के फैसले के मुताबिक, बिहार बोर्ड (BSEB) चार चरण में सक्षमता परीक्षा लेगा. शिक्षकों को परीक्षा में बैठने के लिए मिलेंगे तीन अवसर मिलेंगे. पहली परीक्षा आगामी 26 फरवरी से आयोजित करने का निर्णय लिया गया है. इसके तुरंत बाद दूसरे और तीसरे चरण की भी परीक्षा होगी. अब तीनों बार में पास नहीं करेंगे तो शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी.

बता दें कि सक्षमता परीक्षा के मुद्दे पर शिक्षा विभाग में आज ही अहम बैठक हुई और इसकी अध्यक्षता केके पाठक ने की. परीक्षा पास करने के तीन अवसर को लेकर इसमें काफी मंथन किया गया. ता दें कि 5 सदस्यीय कमिटी बनने के बाद आज पहली बैठक हुई थी. इस कमेटी में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, निदेशक राज्य शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा सदस्य के रूप में रखा गया है.कमिटी की बैठक में विमर्श व चर्चा के बाद परीक्षा में शामिल नहीं होने या तीसरे प्रयास में भी पास नहीं होने की स्थिति में कमिटी ने नियोजित शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला लिया. वहीं, दूसरी ओर शिक्षक लगातार सक्षमता परीक्षा के नियमों में संशोधन की मांग कर रहे हैं. नियोजित शिक्षकों को नई नियमावली में कई बिंदुओं पर आपत्ति है. यहां यह भी बता दें कि बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में इसका प्रावधान पहले से ही किया गया है.

बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 में स्पष्ट रूप से ये कहा गया है कि जो शिक्षक सक्षमता परीक्षा में तीन बार असफल रहते हैं, इसके अलावा इस परीक्षा में शामिल होने से इनकार कर देते हैं या शामिल नहीं होते हैं, वैसे शिक्षकों पर अलग से विचार किया जाएगा. इसी संदर्भ में इस कमेटी का गठन किया गया था जिसकी अध्यक्षता केके पाठक के जिम्मे सौंपी गई है.

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