जानें क्या है यम नियम? रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले PM मोदी जिसका कर रहे पालन

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां अपने अंतिम दौर में है. बीते कल पीएम मोदी ने ऑडियो संदेश जारी करते हुए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ करने की बात कहीं थी. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के यजमान की भूमिका में आने के लिए उन्होंने यम नियम का पालन करना शुरू कर दिया है.

ऐसे में हम आइए आपको बताते है कि यम नियम क्या हैं.

धार्मिक और वैदिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा औप यज्ञ समारोह के लिए दीक्षित होने से पहले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तौर पर केंद्रित होने के लिए यम नियम का पालन करने का शास्त्र सम्मत वैदिक विधान है. हमारे शास्त्रों में अष्टांग योग के 8 अंगों में सबसे पहले यम और फिर नियम की ही व्याख्या की गई है. जिनमें यम के पांच प्रकार अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यानी मन है. वचन और कर्म से अहिंसा और सत्य का पालन करना और अस्तेय यानी चोरी की भावना का त्याग करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना है.

वहीं पांच नियम भी है. इनमें सबसे पहले शुचिता यानी स्वच्छता, संतोष की भावना, तप और जप यानी प्रणव मंत्र का जाप, धर्म शास्त्रों का स्वाध्याय और ईश्वर का प्राणिधान यानी पूर्ण आस्था से ईश्वर की भक्ति शामिल है. ऐसी मान्यता है कि यम और नियम के इन नियमों का अनिवार्य पालन करने वाला कोई भी व्यक्ति यजमान बनकर प्राण प्रतिष्ठा, अनुष्ठान, यज्ञ करने का शास्त्रीय तौर पर अधिकारी हो जाता है.

 

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