आठ साल के अंगदाता को दी गई अंतिम विदाई, पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया दाह संस्कार
दुनिया में एक तरफ ऐसे लोग हैं, जो मदद करने से बचते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो मरकर भी बहुत कुछ कर जाते हैं। दरअसल, ओडिशा के भुवनेश्वर में उस आठ वर्षीय बालक का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिसके अंगों को दान किया गया है।
मस्तिष्क का पड़ा था दौरा
दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले सुभाजीत साहू को पिछले सप्ताह परीक्षा देते समय मस्तिष्क का दौरा (सीजर) पड़ गया था। बच्चे को तुरंत कैपिटल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उसे एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां वह कोमा में चला गया था। तमाम कोशिशों के बाद भी जब माता-पिता अपने बच्चे को नहीं बचा सके तो उन्होंने फैसला लिया कि वह साहू के सभी अंगों को दान कर देंगे।
गार्ड ऑफ ऑनर दिया
पुलिस आयुक्त संजीव और पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रतीक सिंह की मौजूदगी में सोमवार को सुभाजीत साहू को सत्य नगर श्मशान में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।
मुझे अपने बहादुर बेटे पर गर्व
सुभाजीत के पिता विश्वजीत साहू ने कहा, ‘हम तमाम कोशिशों के बावजूद अपने बच्चे को नहीं बचा सके। इसलिए हमने उसका गुर्दा, फेफड़े, जिगर, आंखें, दिल और अग्न्याशय समेत सभी अंगों को दान करने का फैसला किया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे अपने बहादुर बेटे पर बहुत गर्व है, जिसने अपने अंगों से कई लोगों की जान बचाई।’
80 साल का बुजुर्ग भी नहीं कर सकता
सुभाजीत की मां सुभाश्री ने कहा कि भले ही वह सिर्फ आठ साल का था, लेकिन उसने ऐसा नेक काम किया है जो 80 साल का बुजुर्ग भी नहीं कर सकता। हम खुद को सांत्वना दे सकते हैं कि हमारे बेटे ने दूसरों की जान बचाई और वह उनमें जीवित रहेगा।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि अंग दाताओं के लिए राज्य सरकार की नई नीति के अनुरूप बालक को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। इससे अधिक लोगों को अंगदान करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
पिछले महीने किया था एलान
गौरतलब है, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पिछले महीने घोषणा की थी कि अंगदाताओं का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
ओडिशा के सांसद और बीजू जनता दल (बीजद) के प्रवक्ता मानस मंगरा ने आठ साल के बच्चे के परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, ‘अंग दान अमूल्य जीवन रक्षक उपहारों में से एक है। मैं सुभाजीत साहू के परिवार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने बेटे की मृत्यु के बाद उसके अंग दान किए। सुभाजीत को आज भुवनेश्वर में पूर्ण राजकीय सम्मान दिया गया।’