उदयपुर में वकीलों का प्रदर्शन जारी, 14 फरवरी को करेंगे राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात, क्या है इनकी मांग?
उदयपुर संभाग के सभी कोर्ट और उनमें काम करने वाले वकीलों की पिछले 4 दशक से ज्यादा लंबे समय से एक मांग चली आ रही है. इसको लेकर आंदोलन भी किया. अब इस मांग को लेकर वकील उग्र होने जा रहे हैं.
वकीलों ने धरना दिया और निर्णय लिया कि 14 फरवरी को आदिवासियों के सबसे बड़े आस्था के धाम बेणेश्वर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा है. राष्ट्रपति के सामने भी मांग रखी जाएगी. यहीं नहीं दिल्ली चलो अभियान भी शुरू किया जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भी भी मांग रखी जाएगी.
उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत जोशी ने बताया कि उदयपुर में हाईकोर्ट बेंच की 43 साल पुरानी मांग को लेकर उदयपुर बार एसोसिएशन की तरफ से न्यायिक कार्यों को बहिष्कार करते हुए धरना दिया. धरने में एक राय से सभी ने आगामी दिनों में आंदोलन को उग्र रूप देने का संकल्प लिया. बार एसोसिएशन उदयपुर के महासचिव राजेश शर्मा ने बताया कि इसी के तहत संघर्ष समिति विभिन्न राजनेतिक संगठनों और सामाजिक संगठनों से संपर्क करते हुए उनको आंदोलनों से जोड़ेंगे. सभी ने राय होते हुए कहा कि आगामी दिनों में बार एसोसिएशन के अधिवक्ता सम्पूर्ण मेवाड़-वागड़ की जनता को साथ लेकर दिल्ली चलेंगे और प्रधानमंत्री के समक्ष पुर जोर तरीके से अपनी मांग रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अभी 14 फरवरी को बेणेश्वर धाम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का दौरा है. उनके सामने भी यह मांग रखी जाएगी.
यह है 4 दशकों से चली आ रही मांग
वकीलों का कहना है कि उदयपुर संभाग के हम जिसकी मांग पिछले 4 दशक से ज्यादा समय से कर रहे हैं. वह है उदयपुर हाईकोर्ट बैंच की मांग. इसके पीछे कारण है वर्तमान समय में किसी भी प्रकार के मुकदमों के लिया पक्षों को जोधपुर हाई कोर्ट तक चक्कर लगाना पड़ता है. जबकि उदयपुर एक जनजातीय क्षेत्र है और आर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर वह जोधपुर तक जाना मुश्किल होगा. इसके अलावा भी कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है. यहां बैंच की स्थापन होगी तो लाखों आदिवासियों को फायदा होगा.