‘लीडरशिप का मतलब केवल…’ कप्तानी बैन पर छलका डेविड वॉर्नर का दर्द

ऑस्ट्रेलिया के ओपनर डेविड वॉर्नर ने टेस्ट के बाद वनडे से भी संन्यास की घोषणा कर दी है। जिसके बाद अब वो 3 जनवरी को सिडनी में पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे मैच में मैदान पर उतरेंगे और क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट को अलविदा कह देंगे। बता दें कि, वॉर्नर पर साल 2018 में साउथ अफ्रीका में बॉल टेम्परिंग स्कैंडल के बाद खेलने और कप्तानी बैन लगा था। अब वॉर्नर ने इस मामले पर अपना दर्द बयां किया है।
2018 के दौरान बॉल टेम्परिंग स्कैंडल के दौरान वॉर्नर ऑस्ट्रेलियाई टीम के उपकप्तान थे। वॉर्नर ने बतौर प्लेयर तो वापसी कर ली लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में कप्तानी करने से हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
वनडे रिटायरमेंट के बाद वॉर्नर ने कप्तानी पर लगे बैन को लेकर अपने दिल की बात कही है। उनका कहना है कि लीडरशिप का मतलब केवल कैप्टन का बैज पहनना नहीं होता है। वॉर्नर ने ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान तीसरे टेस्ट से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें अपने करियर को लेकर कोई पछतावा नहीं है और वह गेंद से छेड़छाड़ की घटना से आगे निकल चुके हैं। उन्होंने कहा, मुझे पता था कि इस तरह का सवाल मेरे सामने आएगा। कई सारी बाधाएं आती हैं, जिनसे आपको पार पाना होगा और आगे बढ़ना होगा। मैंने गरिमा के साथ ऐसा किया है।
बता दें कि, वॉर्नर ने 2022 में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा लगाए लीडरशिप बैन को हटाने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने प्रक्रिया पर असंतोष व्यक्ति करते हुए अपनी अपील वापस ले ली। वॉर्नर ने कहा कि, जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि इसे अलग तरीके से संभाला जा सकता था। लेकिन मुझे लगता है कि निक हॉले ने इसे बोर्ड के सामने रखने का पूरा प्रयास किया और निर्णय लिया गया। हालांकि, मैं उससे खुश हूं और मैं उससे आगे भी बढ़ गया हूं।
वॉर्नर ने आगे कहा कि, मैंने अपने लीडरशिप रोल का लुत्फ उठाया है। लेकिन हाल के सालों में मैंने सीखा है कि लीडरशिप का मतलब कैप्टन या उपकप्तान का बैज पहनना नहीं है। ये खुद के प्रति सच्चा होने, मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह उदाहरण स्थापित करने के बारे में है।

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