Live : केजरीवाल को पहली बार जेल में इंसुलिन, क्या बोले तिहाड़ के अधिकारी?
उत्तरप्रदेश के मेरठ में आज मायावती और अखिलेश यादव करेंगे जनसभा, सीएम योगी आदित्यनाथ शाम को करेंगे रोड शो। यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को होना है मतदान।हनुमान जयंती के अवसर पर अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी। हनुमानगढ़ी मंदिर में भी लगा श्रद्धालुओं का तांता।
हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु। बजरंगबली के जयकारों से मंदिर गूंज उठा।
इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर और वीर आलीजा हनुमान मंदिर में लगा भक्तों का तांता। हनुमान जन्मोत्सव पर यहां मंदिरों में विशेष श्रृंगार किया गया है।तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 320 पर पहुंच गया। इसके बाद उन्हें इंसुलिन दी गई। गिरफ्तारी के बाद पहली बार केजरीवाल को इंसुलिन दी गई है।
माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की विसरा जांच रिपोर्ट आ गई है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। जेल में बंद अंसारी की 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
तिहाड़ के एक अधिकारी ने कहा कि एम्स के चिकित्सकों की सलाह पर केजरीवाल को सोमवार शाम को कम ‘डोज’ वाली इंसुलिन की 2 यूनिट दी गईं। अधिकारी ने बताया कि शाम करीब सात बजे उनके रक्त में शर्करा की मात्रा 217 पाई गयी, जिसके बाद तिहाड़ में उनकी देखभाल कर रहे चिकित्सकों ने उन्हें इंसुलिन देने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि एम्स के विशेषज्ञों ने 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान तिहाड़ के चिकित्सकों को सलाह दी थी कि अगर केजरीवाल के रक्त में शर्करा की मात्रा एक निश्चित स्तर से ऊपर चली जाती है तो उन्हें इंसुलिन दिया जा सकता है।
राजस्थान के टोंक सवाई माधोपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 2014 में आपने मोदी को दिल्ली में सेवा का अवसर दिया। फिर देश ने वो फैसले लिए जिनकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लेकिन आप सोचिए कि 2014 के बाद भी और आज भी अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होती तो क्या क्या हुआ होता। कांग्रेस होती, तो जम्मू कश्मीर में आज भी हमारी सेनाओं पर पत्थर चल रहे होते। कांग्रेस होती, तो सीमा पार से आकर दुश्मन आज भी हमारे जवानों के सिर काटकर ले जाते। कांग्रेस होती, तो न ही हमारे फौजियों के लिए वन रैंक-वन पेंशन लागू होती और न ही हमारे पूर्व सैनिकों को 1 लाख करोड़ रुपये मिलते।