190 करोड़ की उधारी, लेनदारों की लंबी लिस्ट, बर्बादी की कगार पर ‘बायजू
नई दिल्ली. एडटेक कंपनी बायजू के बुरे हालात किसी से छिपे नहीं है. गंभीर आर्थिक संकट से ग्रस्त बायजू के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के समक्ष विक्रेताओं के कुल दावे 190 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं.
सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसमें हैंडसेट विनिर्माता ओप्पो ने 1 करोड़ रुपये का नया दावा दायर किया है. बायजू के लिए बढ़ते दावे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब यह निवेशकों के साथ विवाद के कारण राइट इश्यू से जुटाए गए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि को हासिल नहीं कर पाई है.
एक सूत्र ने कहा, “एनसीएलटी के समक्ष बायजू के खिलाफ कुल 190 करोड़ रुपये के दावे किए गए हैं. इसमें चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो का एक करोड़ रुपये का दावा भी शामिल है.” इस मामले पर बायजू और ओप्पो को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला.
BCCI ने किया 158 करोड़ का दावा
भारतीय क्रिकेट बोर्ड, बीसीसीआई ने बायजू के खिलाफ 158.9 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा दावा दायर किया है. इसके बाद कॉजेंट ई-सर्विसेज ने 6.7 करोड़ रुपये और टेलीपरफॉर्मेंस बिजनेस सर्विसेज ने पांच करोड़ रुपये का दावा किया है. एक सूत्र ने कहा कि सभी दावे विवादित हैं और वास्तविक बकाया इससे कम हो सकता है.
बायजू की स्थापना बायजू रविंद्रन ने साल 2011 में की थी. लेकिन, कोरोना काल में उनका यह स्टार्टअप बहुत तेजी से आगे बढ़ा. 2022 में कंपनी ने 22 अरब डॉलर की वैल्युएशन हासिल कर ली. मगर, इसके बाद कंपनी का बुरा दौर शुरू हुआ और उसे एक के बाद एक झटके लगते रहे.
Byju’s में पिछले 12 महीनों में हजारों कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है. इसके अलावा, कंपनी बड़ी मुश्किल से कर्मचारियों की सैलरी दे रही है. बायजू का नेट लॉस करीब एक अरब डॉलर बताया गया है. यह भारत की सबसे ज्यादा घाटे वाली कंपनियों की लिस्ट में भी शामिल हो चुकी है.