लखनऊ में कई जगहों पर लगे हेल्थ एटीएम में मशीनें हो रहीं खराब

लखीसराय की तरह पटना में भी ऑटो हादसा हो सकता है. राजधानी की सड़कों पर क्षमता से डबल सवारी ऑटो चालक बैठाकर चलाते हैं. ये कोई एक दो मार्ग की बात नहीं है शहर के अधिकांश मार्गो पर एक ही हाल देखने को मिल रहा है.

छोटे ऑटो में आगे 2 सवारी तो पीछे चार सवारी बैठाते हैं वहीं बड़े ऑटो में 12 से 15 सवारी बैठाकर चलाते हैं जबकि नियमानुसार छोटे ऑटो में 4 सवारी ही बैठा सकते हैं. मगर चंद पैसे के लालच में पैसेंजर की जान जोखिम में डालकर ऑटो चला रहे हैं इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों से आ रही थी. पड़ताल करने के लिए हमारी टीम ने शहर के अलग-अलग मार्गो पर जाकर मुआयना किया तो सामने आया सच पढि़ए रिपोर्ट…

-अधिकांश ऑटो चालक बैठाते हैं सात से आठ सवारी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के कुर्जी-गांधी मैदान रूट पर चलने वाले ऑटो की पड़ताल की तो पता चला कि सामान की तरह सवारी को ठूंस-ठूंस कर ऑटो चालक भरते हैं. कुर्जी के रास्ते गांधी मैदान जाने वाले ऑटो में ऑटो चालक 8-9 सवारी बैठाकर और सवारी का जुगाड़ कर रहा था. रिपोर्टर द्वारा पूछने पर ऑटो चालक ने बताया कि अभी चार से पांच सवारी और बैठ सकती है, जबकि बड़े ऑटो 7 सवारी बैठाने का ही परमिट परिवहन विभाग की ओर से दी गई है. इसी तरह दीघा चौराहा पर छोटे ऑटो आठ लोग बैठकर गांधी मैदान की तरफ जा रहे थे. रिपोर्टर द्वारा पूछने पर ऑटो चालक ने बताया कि जगह है इसलिए आठ लोग बैठै हैं.

-कभी भी हो सकता है हादसा

लखीसराय के रामगढ़चौक थाना क्षेत्र के बिहरौरा गांव के पास बुधवार को एक ऑटो में 15 सवारी को लेकर ऑटो चालक चला था. क्षमता से अधिक भरे इस ऑटो को ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि ड्राइवर को लगाकर 7 लोग गंभीर रूप से घायल है. पटना की सड़कों पर क्षमता से अधिक सवारी बैठाकर ऑटो चलाना आम बात हो गई है. इसके बावजूद न तो परिवहन विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं न ही ट्रैफिक विभाग की ओर से फाइन हो रही है. इस वजह से ऑटो चालकों का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

-सेफ्टी रॉड हो गया गायब

ऑटो से होने वाले एक्सीडेंट को कम करने के लिए पटना में तत्कालीन एसएसपी मनु महराज के समय साल 2016 में सभी ऑटो में ड्राइवर की दाहिनी तरफ सेफ्टी रॉड और बीच की सीट में बाएं और दाहिने तरफ जिस ऑटो में दरवाजा नहीं है सेफ्टी रॉड लगवाया गया था. सेफ्टी रॉड लगने के बाद ड्राइवर के पास दाहिने तरफ ऑटो चालक पैसेंजर नहीं बैठाते थे. एसएसपी मनु महराज के जाने के बाद स्थिति जस की तस हो गई है. अब आलम ये है कि ऑटो में सेफ्टी रॉड पूरी तरह से गायब हो गया है. हांलाकि नए ऑटो में बीच के सीट के पास सेफ्टी गेट है. मगर तीन सवारी की जगह चार सवारी बैठाने की वजह से न सिर्फ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है.

ऑटो चालक मनमानी करता हैं. छोटे ऑटो में चार लोगों की बैठाने का प्रावधान है. वहां 7 लोग बैठाते हैं. ये पूरी तरह से गलत है.

-विकास कुमार, आम पब्लिक

पटना में महाअभियान में भी ऐसे ऑटो चालकों पर कार्रवाई नहीं होती है जो नियम के अनुसार नहीं चला रहे हैं. बड़े ऑटो में 15 से 16 सवारी ऑटो चालक बैठाते हैं जो पूरी तरह से गलत है.

-अपूर्वा रानी, आम पब्लिक

समय रहते अगर ऑटो चालकों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो पटना में भी लखीसराय की तरह घटना घट सकती है. ऐसे ऑटो चालकों पर ड्राइव चलाकर कार्रवाई होनी चाहिए.

-सौरभ कुमार, आम पब्लिक

क्षमता से अधिक अगर ऑटो चालक सवारी बैठा रह है तो ऐसे इलाकों को चिह्नित कर ड्राइव चलाकर कार्रवाई की जाएगी.

-अशोक कुमार चौधरी, एसपी ट्रैफिक, पटना

ऑटो एक नजर में

– छोटे ऑटो में निर्धारित सीट 4

-छोटे ऑटो में बैठाते हैं 7

– बड़े ऑटो में निर्धारित सीट 7

– बड़े ऑटो में बैठाते हैं 15

-महाअभियान में भी ये ऑटो चालक पुलिस को चकमा देकर निकल जाते हैं

-गांधी मैदान, कुर्जी दीघा, और पटना जंक्शन से खुलने वाली ऑटो क्षमता से अधिक बैठा रहे हैं सवारी

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