महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन फिर तेज, बीड में उग्र प्रदर्शन

महाराष्ट्र के बीड में मराठा आंदोलन की आग पिछले दो दिन से फिर सुलग रही है. दरअसल मराठा नेता मनोज जरांगे पिछले 6 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे और पांचवे दिन उनकी तबीयत खराब हो गई है, जिसके बाद से ही मराठा नाराज हैं. नाराजगी आरक्षण के मुद्दे से लेकर मनोज जरांगे की सेहत के प्रति प्रशासन और सरकार की उदासीनता को लेकर है.

बुधवार को जानना और बीड में सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन आज देर शाम प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर हाईवे पर आगजनी की और घंटों हाईवे जाम किया.

मराठा प्रदर्शनकारियों ने मनोज जरांगे पाटिल के समर्थन में बीड जिले में धुले सोलापुर हाईवे पर दर्जनों एक के बाद टायर जलाया और हाईवे ठप्प कर दिया. यह प्रदर्शन शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू हुआ और 2 घंटे भर तक यातायात भी रोकना पड़ा.

सोलापुर में टायर जलाकर किया प्रदर्शन

धुले या सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौसाला के पास ये टायर जलाने की घटना घटित हुई बड़ी संख्या में मराठा भी इस दौरान सड़क पर आ गए. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान चेतावनी दी कि राज्य सरकार मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल को गंभीरता से ले. पिछली बार की घटना को ध्यान में रखते हुए बीड जिला पुलिस बल अलर्ट मोड पर है जगह जगह पर सुरक्षा बढ़ाई गई है.

बता दें कि महाराष्ट्र में मराठाओं के लिए अलग से आरक्षण लागू करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में यह साबित करना होगा कि मराठा समुदाय पिछड़ा हुआ है.

पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट मराठा आरक्षण के पक्ष में

मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई है. मराठा समुदाय के लिए आरक्षण पाने का यह आखिरी मौका होगा, इसलिए राज्य सरकार इस मामले में बेहद अहम कदम उठा रही है. मराठा आरक्षण को पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था, लेकिन उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. यह आरक्षण टिक नहीं पाया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में यह साबित नहीं हो सका कि मराठा समुदाय पिछड़ा हुआ है.

लेकिन अब क्यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई के दौरान सरकार यह साबित करने की तैयारी में है कि मराठा समुदाय पिछड़ा हुआ है. इसके लिए खास तौर पर पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से एक रिपोर्ट तैयार की गई है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह रिपोर्ट मराठाओं के पक्ष में है.

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