गुरुग्राम में माहिरा होम्स बिल्डर पर FIR, ईडी ने जब्त की संपत्ति, अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में गबन का आरोप

अफोर्डेबल स्कीम के तहत बन रही माहिरा होम्स सोसायटी के बायर्स ने शुक्रवार को हरियाणा रेरा के सामने अपनी समस्याएं रखीं। इसके बाद बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कंपनी पर शिकंजा कसा औ गुरुग्राम में माहिरा होम्स बिल्डर की करीब 36 करोड़ रुपये की संपत्ति अंतरिम रूप से जब्त कर ली है। ईडी ने लेटर में बताया कि 15 फरवरी को माहिरा होम्स बिल्डर से जुड़ी साई आइना फर्म्स प्राइवेट लिमिटेड, डीएस होम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सिकंदर सिंह, विकास छोकर और अन्य से संबंधित फर्म की संपत्तियों को अंतरिम रूप से जब्त किया गया है।

निदेशालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि इसके तहत लगभग 8.94 करोड़ की चल और 27.57 करोड़ की नौ अचल संपत्तियों को जब्त किया गया है। इनकी कुल कीमत तकरीबन 36.52 करोड़ है।

मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत ईडी ने माहिरा बिल्डर्स के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।

माहिरा ग्रुप के खिलाफ गुस्सा

बिल्डर और उससे जुड़ी अन्य कंपनियों पर लाइसेंस जारी कराने के लिए बाहरी विकास शुल्क (ईडीसी) और आंतरिक विकास कार्यों के एवज में बैंकों के समक्ष कुछ बैंक गारंटियों सहित जाली दस्तावेज जमा करके धोखाधड़ी और जालसाजी करने का आरोप है। अफोर्डेबल आवास योजना के तहत सेक्टर 68 में घर देने के के वादे पर 1500 घर खरीदारों से 363 करोड़ रुपये लिए हैं। घर खरीदार डेढ़ साल से माहिरा ग्रुप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और वादा किए गए घरों की जल्द से जल्द डिलीवरी की मांग कर रहे हैं।

हरेरा चेयरमैन ने की थी बैठक, बिल्डर पर हुई FIR

शुक्रवार को हरेरा के चेयरमैन अरुण कुमार ने अफोर्डेबल स्कीम के तहत बन रही माहिरा होम्स सोसायटी के बायर्स के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने लोगों से बात की और उनकी समस्याएं जानीं। फ्लैट बायर्स ने बताया कि बिल्डर ने चार साल में प्रॉजेक्ट को पूरा करने का वादा किया था लेकिन वह नहीं हो सका। अब स्थिति यह है कि छह साल बीत जाने पर भी फ्लैट डिलिवर करना तो दूर, अभी तक निर्माण ही पूरा नहीं हुआ है। हरेरा चेयरमैन ने कहा कि यदि बिल्डर नहीं बनाता है तो बायर्स असोसिएशन के हाथ में निर्माण की बागडोर दी जाए या फिर किसी सरकारी एजेंसी से इस काम को करवाया जाए। इसके साथ ही बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।

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