Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर 77 साल बाद पड़ रहा वरीयान का योग
इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व दो विशेष योग में मनाया जाएगा। 15 जनवरी को रवि एवं वरीयान योग बन रहे हैं। वरीयान योग 77 वर्ष बाद बनेगा। इस दुर्लभ योग में मकर संक्रांति का महात्म्य और भी बढ़ जाएगा। वहीं पांच वर्ष के अंतराल पर मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को पड़ेगा।
ज्योतिष की दृष्टि से मकर संक्रांति अति महत्वपूर्ण है। पं. विकास के अनुसार इस दिन सूर्य देव के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का विधान है। रवि और वरीयान योग समृद्धि दायक तो है ही यशदायक भी है। इसके अलावा बव और बालव करण भी बन रहे हैं।
14 जनवरी को सूर्य, रात 244 बजे धनु राशि से मकर राशि में गोचर करेंगे। 15 जनवरी को वरीयान योग सूर्योदय से रात्रि 1111 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 0715 बजे से सुबह 0807 बजे तक रहेगा। इस योग में पूजा-अर्चना और दान से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। बव करण दोपहर 0335 मिनट तक है। उसके बाद बालव है। इन दोनों को शुभ माना गया है।
मकर संक्रांति के बाद बजेगी शहनाई बात शादी-विवाह में शुभ मुहूर्त देखना अनिवार्य माना जाता है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे।
मकर सक्रांति के दिन करें ये काम
तांबे के लोटे में गंगाजल में लाल फूल, लाल चंदन, तिल डालकर ‘ऊं घृणि सूर्याय नम’ का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
काले तिल और गुड़ से बनी चीजें, ऊनी कपड़े, कंबल और खिचड़ी दान करें। इससे सूर्य और शनि दोनों की कृपा होगी।
तिल-गुड़ का सेवन करें। ऐसा करने से जीवन में भगवान सूर्य और शनिदेव दोनों की कृपा मिलेगी।
● यदि गंगा स्नान न कर सकें तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
विवाह मुहूर्त
● जनवरी 16, 17, 18, 20, 21, 22, 27, 28, 29, 30 एवं 31
● फरवरी 01 से 07, 12, 13, 14, 17, 18, 19, 23 से 27 एवं 29
● मार्च 01 से 08, 11 एवं 12
14 को रवि योग सुबह आठ बजे तक रहेगा
● इस काल में पूजापाठ विशेष लाभदायक