मलयाली इमिग्रेंट नजीब की दर्दनाक कहानी, जिसपर पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म The GOAT Life आ रही
विदेश जाकर नौकरी करना आजकल आम बात हो गई है. छोटे-गांव या फिर शहरों से डिग्री लेने के बाद विदेशों में लोग अपने लिए एक खूबसूरत जिंदगी बसाने का सपने तैयार कर लेते हैं. कुछ लोग इसमें सफल भी हो जाते हैं. लेकिन नौकरी करने निकले कई लोग बुरी तरह से फंस जाते हैं. ऐसी कई कहानियां हम और आप आए दिन सुनते रहते हैं. लेकिन कभी सोचा है जब इंसान अपने देश से कई किलोमीटर दूर जाकर फंस जाए, तो कितना मुश्किल हो सकता है. ‘सलार’ वाले पृथ्वीराज सुकुमारन की मच अवेटेड फिल्म Aadujeevitham ‘द गोट लाइफ’ 28 मार्च को आ रही है. जो ऐसी की कहानी पर बेस्ड है. हाल ही में फिल्म का ट्रेलर आया. 1 मिनट 33 सेकंड की इस क्लिप को देखकर मेरे मुंह से जो पहला शब्द निकला वो था- सुंदर. यह एक सर्वाइवल ड्रामा फिल्म है. जो मलयालम भाषा में आ रही है.
तेलुगु, तमिल और कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के मुकाबले मलयालम इंडस्ट्री को उतना एक्सपोजर नहीं मिला है. हालांकि, पृथ्वीराज सुकुमारन का हमेशा से सपना रहा है अपनी इंडस्ट्री को बड़े लेवल पर ले जाने का. Aadujeevitham ‘द गोट लाइफ’ से वो एक बड़ा अटेम्प्ट करते दिख रहे हैं. दरअसल 2002 में मलियालम फिल्म ‘नंदनम’ से पृथ्वीराज सुकुमारन ने अपने करियर की शुरुआत की थी. खैर, आज हम आपको उस मलयाली इमिग्रेंट नजीब की कहानी बताएंगे, जिसपर Aadujeevitham ‘द गोट लाइफ’ फिल्म आ रही है.
क्या है नजीब की कहानी?
ये कहानी है नजीब मुहम्मद की. एक मलयाली प्रवासी मजदूर. जो केरल के अरत्तुपुझा गांव का रहने वाला है. नई-नई शादी हुई थी. ऐसे में वो बेहतर काम करने का सपना देखता है. कई कोशिशों के बाद सऊदी अरब में काम करने का मौका भी मिल जाता है. अब फ्लाइट लेकर किंग खालिद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंच जाता है. जहां उन्हें मिलता है वहीं का एक आदमी. वो शख्स नजीब को रेगिस्तान के बीचों-बीच एक पशु फार्म ले जाता है. और उसे फार्म सुपरवाइजर के हाथों सौंप देता है. ये नजीब के लिए सबसे बुरे सपनों में से एक था. जहां से शुरू होती है उनकी असली परेशानियां.