2 ही सीट छोड़ने पर अड़ीं ममता, TMC कांग्रेस गठबंधन समिति से मिलने नहीं भेजेगी प्रतिनिधि

लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए टीएमसी दिल्ली में कांग्रेस गठबंधन समिति के सदस्यों से मिलने के लिए अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले ही पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने उन 2 सीटों की पेशकश की थी, जो कांग्रेस ने 2019 में जीती थी. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों में से 22 सीटें जीती थी. कांग्रेस ने दो और भाजपा ने 18 सीटें हासिल की थी. कांग्रेस गठबंधन समिति ने इससे पहले दिल्ली में एनसीपी, आप, शिवसेना, राजद, सपा के नेताओं से मुलाकात की थी. वे अगले कुछ दिनों में जेडीयू और टीएमसी के साथ चर्चा करने की योजना बना रहे थे.

टीएमसी सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि टीएमसी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति के साथ किसी भी बैठक में करने के लिए अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगी, क्योंकि टीएमसी ने पहले ही अपना स्टैंड बता चुकी है. बता दें कि कांग्रेस गठबंधन समिति के सदस्य इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 20 जनवरी तक सीटों के बंटवारे पर बातचीत पूरा करने की बात कही है.

टीएमसी के आला नेता कहना है कि कांग्रेस ने बैठक के लिए पार्टी नेताओं से संपर्क किया है. उन्हें बताया गया है कि वे बातचीत के लिए किसी प्रतिनिधि को भेजने के इच्छुक नहीं हैं. कांग्रेस ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में दो सीटें जीती थी. तृणमूल कांग्रेस ने उन्हीं सीटों को छोड़ने की पेशकश की है, लेकिन कांग्रेस इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस की पेशकश को बहुत ही कम बताया है.

टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटें छोड़ने की पेशकश की

सूत्रों का कहना है कि टीएमसी ने मेघालय में एक सीट एवं असम में कम से कम दो सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है. दूसरी टीएमसी की गोवा इकाई एक सीट पर लड़ने की इच्छ जताई है. साल 2021 के गोवा विधानसभा चुनाव में टीएमसी को पांच प्रतिशत मत मिले थे. इस कारण टीएमसी यह दावा कर रही है.

टीएमसी ने कांग्रेस को दो सीटें देने की पेशकश की है. टीएमसी का तर्क है कि पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के वोट शेयर के आधार पर यह पेशकश की गई है. पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से कम से कम 39 सीटों पर कांग्रेस को पांच फीसदी से कम वोट मिले थे.

टीएमसी की पेशकश को कांग्रेस ने मानने से किया इनकार

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 2021 के विधानसभा चुनाव में 2.93 फीसदी, 2016 के विधानसभा चुनाव में 12.25 फीसदी एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में 5.67 फीसदी वोट मिले थे. साल 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. हालांकि बाद में सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी, लेकिन विजयी उम्मीदवार टीएमसी में बाद में शामिल हो गया था.

टीएमसी नेताओं ने कांग्रेस की शर्त पर कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को बंगाल में जमीनी हकीकत को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि कांग्रेस बंगाल में कमजोर है. टीएमसी नेता का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं और इंडिया गठबंधन के घटक दल के रूप में भाजपा को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारी स्थिति डेटा के साथ स्पष्ट रूप से बताई गई है, इसलिए किसी को दिल्ली जाकर दोबारा चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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