ममता, लालू और नीतीश को नहीं मिलेगा प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, ट्रस्ट के सदस्य का दावा
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर की जा रही तैयारियां अब अंतिम रूप में हैं. इस भव्य आयोजन में पहुंचने वाले खास लोगों की लिस्ट तैयार कर आमंत्रण भी भेजे जाने लगे हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से जहां कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित किया गया है तो वहीं कई बड़े दलों के नेताओं को इस भव्य आयोजन से दूर रखने की तैयारी है.
श्रीराम मंदिर की नींव का पहला पत्थर रखने वाले और मंदिर निर्माण का आगाज करने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में दावा किया है कि देश की कई बड़ी राजनीति पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को श्री राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलावा नहीं दिया जाएगा.
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि इस आयोजन में राष्ट्रीय जनता दल के चीफ लालू प्रसाद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को न्योता नहीं दिया जाएगा. कामेश्वर चौपाल ने कहा कि इन नेताओं को जब राम पर भरोसा ही नहीं है तो इन्हे निमंत्रण देने का कोई मतलब नहीं है. चौपाल में नाम लिए बगैर बताया की एक बड़े नेता से वो उन्होंने कई बार इस मुद्दे पर बात करने की भी कोशिश की लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उनके पास राम मंदिर से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बात करने का वक्त नहीं है.
22 जनवरी को मनेगी दिवाली
कामेश्वर चौपाल ने कहा कि हम देशवासियों से कहना चाहते हैं कि जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तब धूमधाम से दिवाली मनाई गई थी. उस दिन से आज तक हम सभी लोग दिवाली मनाते आ रहे हैं. अब जब रामलला अपने घर में विराजने वाले हैं तो उस दिन को खास बनाया ही जाना चाहिए. हमारी पूरी कोशिश होगी कि पूरे देश में 22 जनवरी को दिवाली जैसा ही माहौल बनाया जाए. हर गांव, कस्बे और शहर के मंदिरों में उस दिन विशेष पूजा-पाठ की जाएगी.
8 जनवरी से निकाली जाएगी रथयात्रा
अयोध्या में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. ट्रस्ट की ओर से तैयारियों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है. 1990 के दशक में की गई रथयात्रा की ही तरह एक और रथयात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है. ये रथयात्रा 8 जनवरी से गुजरात से रामनगरी अयोध्या के लिए निकलेगी. रथयात्रा गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 15 शहरों से होते हुए 1400 किमी. की यात्रा तय करेगी. रथयात्रा 20 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी. अयोध्या पहुंचने के बाद ट्रस्ट रामलला को 51 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाएगा.