Manipur Violence: जिरीबाम में आगजनी, पुलिस चौकी से 200 मीटर दूर पीएचसी में लगाई गई आग

मणिपुर में जातीय हिंसा की आग एक बार फिर तेज हो रही है. जिरीबाम में गुरुवार को अराजततत्वों ने पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) में आग लगा दी. गनीमत रही कि जिस वक्त इस वारदात को अंजाम दिया गया, उस समय पीएचसी में कोई नहीं था. अधिकारियों का कहना है कि यह घटना सुबह बोरोबेकरा इलाके में हुई. पीएचसी पुलिस चौकी से महज 200 मीटर से भी कम दूरी पर है.
वारदात की सूचना मिलते ही सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे. इससे पहले सात सितंबर को को जिरीबाम में ही हिंसा की खौफनाक घटना हुई थी. इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई और समीपवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी. इसमें 200 से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग बेघर हुए हैं.
एनईएसओ की पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील
इन हिंसक घटनाओं को लेकर एनईएसओ (नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन)ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है. एनईएसओ के अध्यक्ष ने कहा कि संघर्ष खत्म न हुआ तो न सिर्फ मणिपुर की स्थिरता को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में अशांति फैल सकती है. जो कि शांति और सुरक्षा के लिए खतरा होगा.
उन्होंने कहा कि एनईएसओ ने कई बार केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. पीएम की चुप्पी ने संकट को और बढ़ाने का ही काम किया है. उन्होंने अब तक मणिपुर का दौरा नहीं किया है. इस वजह से संघर्ष और गंभीर बना हुआ है. हिंसक घटनाओं ने यहां के लोगों को भयभीत कर रखा है.
गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त कर देना चाहिए: कांग्रेस
कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा के लिए बुधवार को पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराया था. कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त कर देना चाहिए. इस मामले में वो पूरी तरह से विफल रहे हैं. पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पीएम मोदी ने दुनिया के कई देशों का दौरा किया लेकिन मणिपुर जाने का समय नहीं मिला.
उन्होंने कहा कि 16 महीने से मणिपुर जल रहा है. प्रदेश में आगजनी, हत्याएं और लूट की घटनाएं हो रही हैं. पिछले 10 दिन में ही 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मगर, देश के प्रधानमंत्री के पास इतना समय नहीं है कि वो मणिपुर चले जाएं. मणिपुर के मुख्यमंत्री राज्य के लिए आवाज उठाने का नाटक कर रहे हैं. मगर, उनकी असलियत छिपेगी नहीं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *