Manoj Tiwary on MS Dhoni: ‘शतक मारने के बावजूद बाहर किया, रोहित-विराट बन सकता था’, रिटायरमेंट के बाद एमएस धोनी पर भड़के मनोज तिवारी
टीम इंडिया से लंबे समय तक बाहर रहने का बाद मनोज तिवारी ने क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है, लेकिन इसके बाद बाद ही उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने धोनी के बतौर कप्तान फैसले की आलोचना की है. दरअसल, मनोज तिवारी का कहना था कि उन्हें शतक मारने के बावजूद टीम से बाहर कर दिया गया.
38 साल के मनोज तिवारी ने कोलकाता में स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट्स क्लब में सम्मान समारोह के मौके पर पत्रकारों से कहा, ‘मैं महेंद्र सिंह धोनी से पूछना चाहता हूं कि 2011 में शतक बनाने के बाद मुझे प्लेइंग इलेवन से क्यों बाहर कर दिया गया था?’
उन्होंने कहा, ‘मुझ में रोहित शर्मा, विराट कोहली की तरह हीरो बनने की क्षमता थी, लेकिन मैं नहीं बन सका. आज मैं टीवी पर देखता हूं कि जब कई लोगों को अधिक मौके मिल रहे हैं, तो मुझे दुख होता है.’
तिवारी ने 2011 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ 104 रनों की शानदार नाबाद पारी खेली थी. उन्होंने 12 वनडे मैचों 287 रन बनाए थे, तिवारी ने टीम सेलेक्शन प्रोसेस पर ही सवाल खड़े कर दिए.
जब मनोज तिवारी को भरना पड़ा जुर्माना
मनोज तिवारी ने हाल ही में ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था कि रणजी ट्रॉफी को ‘समाप्त’ कर दिया जाना चाहिए, लेकिन इस विषय पर विस्तार से नहीं बताया. इस पोस्ट के लिए उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था.
मैच के बीच में उन्होंने फेसबुक लाइव भी किया था, जहां उन्होंने कहा था कि वह रिटायरमेंट लेने के बाद खुलकर सामने आएंगे. वहीं, मनोज तिवारी ने यह भी कहा था सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों के डोमेस्टिक क्रिकेट से बाहर होने के जिक्र पर तिवारी ने कहा था कि वो देख रहे हैं कि युवा खिलाड़ियों ने आईपीएल-फोकस मानसिकता अपना ली है ।
तिवारी ने कहा, ‘जो आईपीएल नहीं खेलते हैं वो अक्सर खाली समय मिलने पर दुबई या अन्य स्थानों पर जाते हैं, इससे रणजी ट्रॉफी का महत्व कम हो रहा है. अब कोई भी राय व्यक्त करने पर प्रतिबंध लग सकता है, मुझे पहले ही सिर्फ एक पोस्ट के लिए मेरी मैच फीस में 20 प्रतिशत की कटौती के साथ दंडित किया जा चुका है’.
रणजी ट्रॉफी का महत्व बढ़ना चाहिए’
मनोज तिवारी ने कहा. ‘आईपीएल हम सभी के लिए एक बड़ा मंच है, लेकिन मैं बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव से रणजी ट्रॉफी के महत्व को बढ़ाने का भी अनुरोध करता हूं. इस टूर्नामेंट से कई खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं. पर यह निराशाजनक है कि हम आईसीसी ट्रॉफी जीतने में असमर्थ रहे हैं, चाहे वह डब्ल्यूटीसी हो या वर्ल्ड कप, यह बात दुख देती है.’