2023 में बाजार की ‘मदमस्त’ चाल, टूटे सारे रिकॉर्ड, निवेशकों ने बनाए ₹80.62 लाख करोड़

2023 में बाजार की 'मदमस्त' चाल, टूटे सारे रिकॉर्ड, निवेशकों ने बनाए ₹80.62 लाख करोड़

शेयर बाजार के लिहाज से साल 2023 का आज आखिरी दिन था। इस साल के अंतिम कारोबारी दिन बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली। हालांकि, पूरे साल शेयर बाजार ने निवेशकों को मालामाल किया है। इस साल निवेशकों ने अपनी संपत्ति में कुल 80.62 लाख करोड़ रुपये जोड़े। बता दें कि सितंबर के बाद निफ्टी की रैली की वजह से इस सूचकांक का एनुअल प्रॉफिट 20% से अधिक बढ़ गया। कोविड के रिकवरी ईयर यानी 2021 को छोड़ दें तो यह साल 2017 के बाद से सूचकांक के लिए सबसे अच्छा एनुअल परफॉर्मेंस है। इस सूचकांक लगातार आठ वर्षों तक पॉजिटिव रिटर्न दिया है।

साल भर कैसी रही बाजार की चाल
बीते 28 दिसंबर तक 30 शेयर वाले बीएसई सेंसेक्स ने 11,569.64 अंक या 19 प्रतिशत की बढ़त हासिल की। वहीं, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 80,62,310.14 करोड़ रुपये बढ़कर 3,65,28,846 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई तक भी पहुंचा। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन इस साल 29 नवंबर को पहली बार 4000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। बीते 28 दिसंबर तक बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 13,455.51 अंक या 46.51 प्रतिशत का उछल आया। वहीं मिडकैप सूचकांक 11,213.69 अंक या 44.29 प्रतिशत चढ़ा।

सेंसेक्स का लो और हाई
बीएसई सेंसेक्स इस साल 20 मार्च को 52 सप्ताह के निचले स्तर 57,084.91 अंक पर पहुंचने के बाद 28 दिसंबर को 72,484.34 अंक के अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। इस वर्ष बीएसई सूचकांक ने आठ में मासिक लाभ दर्ज किया, जबकि शेष चार में गिरावट आई। बीएसई सूचकांक नवंबर में 4.87 प्रतिशत उछला, जबकि दिसंबर में इसमें 8 प्रतिशत की तेजी आई है।

बाजार में तेजी की वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद, तीन राज्यों में हाल ही में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत से राजनीतिक स्थिरता, कंपनियों के मजबूत नतीजे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से पॉजिटिव संकेत के अलावा खुदरा निवेशकों की मजबूत भागीदारी की वजह से बाजार को बूस्ट मिला।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के एमडी सुनील न्याति ने कहा कि 2023 न केवल भारतीय शेयर बाजार के लिए एक अच्छा साल रहा, बल्कि खुदरा निवेशकों को भी इस साल मुनाफा हुआ। न्याति ने कहा कि खुदरा निवेशक अब गिरावट के दौरान घबराते नहीं हैं, वे आत्मविश्वास से अपने निवेश को बरकरार रख रहे हैं और भारत की आर्थिक उन्नति के साथ चलने को तैयार हैं। मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के मुताबिक राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के राज्य चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद निवेशकों में राजनीतिक निरंतरता को लेकर विश्वास बढ़ा है। बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के संपत रेड्डी ने कहा कि वैश्विक स्थितियों में सुधार के साथ-साथ मुद्रास्फीति में नरमी, केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रोक और आय में निरंतर वृद्धि के दम पर भारतीय सूचकांकों में तेजी आई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन, अच्छी कॉर्पोरेट कमाई ने बाजार को बूस्ट दिया।

रिलायंस का दबदबा
मार्केट कैपिटल के लिहाज से शीर्ष पांच कंपनियों की बात करें तो मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज 17,48,827.92 करोड़ रुपये के साथ पहले नंबर पर है। इसी तरह 13,88,591.70 करोड़ रुपये के कैपिटल के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज दूसरे नंबर पर, एचडीएफसी बैंक 12,97,972.04 करोड़ रुपये के साथ तीसरे नंबर पर है।

अडानी समूह के लिए बुरा साल
अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों के लिए यह साल काफी बुरा साबित हुआ है। जनवरी में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयर पूरे साल रेंगते हुए नजर आए। इस दौरान समूह का मार्केट कैपिटल 130 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा घट गया। हालांकि, नवंबर और दिसंबर महीने में समूह के शेयरों में थोड़ी रिकवरी आई है।

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