Maruti Suzuki की मार्च में सेल्स 15 प्रतिशत बढ़ी, SUV और MPV की जोरदार डिमांड
देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki की मार्च में सेल्स 15 प्रतिशत बढ़कर 1.52 लाख यूनिट्स से अधिक की रही। कंपनी को यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट में मजबूत डिमांड मिल रही है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में मारूति सुजुकी ने 21 लाख से अधिक यूनिट्स की रिकॉर्ड सेल्स की है।
कंपनी की सेल्स में कॉम्पैक्ट कार सेगमेंट का सबसे अधिक योगदान रहा है। इस सेगमेंट में यह Baleno, Celerio, Dzire, Ignis, Swift और WagonR की बिक्री करती है। इसमें मारूति सुजुकी की बिक्री 71,832 यूनिट्स की रही। कंपनी की Swift और Dzire के अपडेटेड वर्जन लॉन्च करने की तैयारी है। मारुति सुजुकी की SUV और MPV की सेल्स सबसे अधिक 57 प्रतिशत बढ़ी है। इस सेगमेंट में कंपनी ने मार्च में 58,436 यूनिट्स बेची हैं। पिछले वर्ष के इसी महीने में यह बिक्री 37,054 यूनिट्स की थी। SUV सेगमेंट में कंपनी के लिए Brezza, Fronx और Grand Vitara सबसे अधिक बिकने वाले मॉडल रहे। MPV सेगमेंट में Ertiga और XL6 की मजबूत डिमांड है।
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने लगभग 21.35 लाख यूनिट्स बेची हैं। यह कंपनी के लिए रिकॉर्ड सेल्स है। इनमें से लगभग 17.60 लाख यूनिट्स की देश में बिक्री की गई। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी के एक्सपोर्ट ने भी लगभग 2.83 लाख यूनिट्स के साथ रिकॉर्ड बनाया है। कंपनी की तीन कारों का भारत NCAP क्रैश टेस्ट किया जाएगा। भारत NCAP देश में रोड सेफ्टी में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत 3.5 टन तक के मोटर व्हीकल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स बढ़ाए गए हैं। इससे कार बायर्स को ऑटोमोबाइल मार्केट में उपलब्ध मोटर व्हीकल्स की क्रैश सेफ्टी का आकलन करने में आसानी होगी। भारत NCAP के तहत कार मेकर्स स्वेच्छा से अपनी कारों की टेस्टिग करा सकते हैं। इससे पहले कारों की टेस्टिंग Global NCAP की ओर से की जाती थी। दुनिया में भारत ऐसा पांचवां देश है जिसने कार क्रैश टेस्ट के लिए इस तरह का सिस्टम शुरू किया है।
हालांकि, यह पता नहीं चला है कि मारूति सुजुकी की इन कारों की कब टेस्टिंग की जाएगी। कंपनी की बलेनो और ब्रेजा की पहले ग्लोबल NCAP के जरिए टेस्टिंग हो चुकी है और इसके मिक्स्ड नतीजे रहे थे। मारूति की ग्रैंड विटारा को लगभग छह वर्ष पहले ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में फोर-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी। इस क्रैश टेस्ट में कार के प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएंगी। कार को खरीदने से पहले कस्टमर्स इन स्टार रेटिंग को देखकर विभिन्न व्हीकल्स के सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की तुलना कर सकेंगे