संदेशखाली कांड का मास्टरमाइंड शाहजहां शेख अगले 7 दिनों में होगा गिरफ्तार, TMC नेता का बड़ा दावा

संदेशखाली कांड का मास्टरमाइंड शेख शाहजहां को अगले सात दिनों के अंदर गिरफ्तार कर लिया जाएगा. टीएमसी नेता और पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोमवार को एक्स हैंडल पर पोस्ट किया. कुणाल घोष ने लिखा, ‘शेख शाहजहां की गिरफ्तारी को लेकर अभिषेक सही थे. मामला कोर्ट के कानूनी पचड़े में फंस गया था. विपक्ष राजनीति कर रहा था. शाहजहां को सात दिन के अंदर गिरफ्तार कर लिया जायेगा.”

बता दें कि शेख शाहजहां 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हुए हमले के बाद से फरार है. राशन घोटाले में उसके परिसर की तलाशी के लिए ईडी के अधिकारकी संदेशखाली गए थे. उसी दौरान उन पर हमला हुआ था.

इस बीच, आज ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने बताया है कि राज्य पुलिस शाहजहां को गिरफ्तार कर सकती है. राज्य पुलिस की जांच में कोर्ट का कोई ‘स्टे’ नहीं है. कोर्ट ने इस बारे में जनसूचना जारी करने का आदेश दिया है.

अभिषेक ने कहा-टीएमसी नहीं कर रही है बचाव

रविवार को महेशतला में एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा था, ”किसी को यह गलतफहमी नहीं रहनी चाहिए कि तृणमूल शेख शाहजहां की रक्षा कर रही है. यदि कोई बचाव कर रहा है तो वह न्यायपालिका बचाव कर रहा है. न्यायिक रोक हटाएं और यदि आप ऐसा नहीं कर सकते, तो वही प्रश्न पूछें. कोर्ट पहले ही बता चुका है कि संदेशखाली मामले में कोई स्टे नहीं है. बल्कि कोर्ट ने शाहजहां को भी इस केस में जोड़ने का आदेश दिया है.

इस संदर्भ में केंद्रीय राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने कहा, ”इसका मतलब है कि अभिषेक बनर्जी की बातें पूरी तरह से गलत साबित हुई हैं.” वहीं, सीपीएम के विकासरंजन भट्टाचार्य ने कहा, ”कोई कानूनी बाधा नहीं है. दरअसल, उन्होंने शाहजहां को अपने आश्रय स्थल में पुलिस सुरक्षा में रखा था. अब लोग विरोध प्रदर्शन के परिणामस्वरूप ये बातें कह रहे हैं.

उत्तर 24 परगना का एक गांव संदेशखाली लोकसभा चुनाव से पहले एक प्रमुख मुद्दा बन गया है. कई महिलाओं ने शाहजहां और उनके सहयोगियों शिबप्रसाद हजारा और उत्तम सरदार पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनके खिलाफ उग्र प्रदर्शन भी किया है.

सरकार नहीं उठाया कदम, तो करेंगे हस्तक्षेपः राज्यपाल

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह हस्तक्षेप करेंगे. राज्यपाल ने कहा ने कहा कि समाचार पत्रों से मुझे जो समझ आया है, 800 से अधिक याचिकाएं प्राप्त हुई हैं. प्रक्रिया शुरू हो गई है, महिलाएं आगे आई हैं, उन्होंने खुद को मुखर होकर विरोध करना शुरू किया है. अब बदलाव होगा.

बोस ने कहा, “जनरल लड़ नहीं सकते, वे दूसरों को लड़वाते हैं. राज्यपाल का काम यह देखना है कि चुनी हुई सरकार कानून के तहत कार्रवाई करती है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो राज्यपाल हस्तक्षेप करेंगे.”

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