Mauni Amavasya 2024 date: मौनी अमावस्या कब है, 9 या 10 फरवरी, जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। इस दिन मौन व्रत रखने की भी परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन त्रिवेणी या गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है।
अगर आप किसी तीर्थ स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं तो आज घर पर ही पानी में त्रिवेणी या गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन स्नान के बाद तिल, तिल की करछुल, तिल का तेल, आंवला और कंबल का दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष मिलता है और पुण्य फल मिलता है, पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सभी काम पूरे होते हैं। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पूर्वज अपने वंशजों से मिलने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने, पवित्र नदी में स्नान करने, दान और भोजन करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन करें ये काम
मौनी अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए
पितृ तर्पण करने के लिए किसी नदी या घर पर ही स्नान करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
इसके बाद किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।
मौनी अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को दान देना चाहिए।
मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी न करें ये काम
मौनी अमावस्या के दिन बदला लेने वाली चीजों से दूर रहें।
मौनी अमावस्या के दिन मन में नकारात्मक विचार न लाएं।
अमावस्या के दिन आपके घर आए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं।
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहना चाहिए।
इस दिन किसी को अपशब्द न कहें और बड़ों का सम्मान करें।