मेडिकल स्टूडेंट्स को होगा बड़ा फायदा, NMC ने कॉलेजों से किया ये आग्रह
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक सहायक वातावरण तैयार करने और उनकी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने में मदद करने के लिए सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से कॉलेजों में सीट छोड़ने को लेकर भरे जाने वाले बांड की नीति को खत्म करने का आग्रह किया है। एनएमसी की रैगिंग रोधी कमेटी ने हाल ही में सिफारिश की है कि सीट छोड़ने की एवज में भारी-भरकम नियमों वाले बांड के बजाय राज्य ऐसे विद्यार्थियों (जो सीट छोड़ना चाहते हैं) को अगले एक साल के लिए अपने यहां प्रवेश से वंचित करने पर विचार कर सकते हैं।
सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रधान सचिव को एनएमसी के स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. अरुणा वी. वाणीकर ने एक पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि आयोग को विभिन्न संस्थानों के मेडिकल विद्यार्थियों, विशेष रूप से परास्नातक विद्यार्थियों के तनाव, चिंता और अवसाद जैसी खतरनाक स्थितियों का सामना करने को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
डॉ. वणिकर ने 19 जनवरी को लिखे इस पत्र में कहा है कि ये मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं मुख्य रूप से विद्यार्थियों को अपने नये कॉलेजों/संस्थानों में प्रचलित एक अलग माहौल के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थता के कारण होती हैं। इसका कारण यह है कि मेडिकल कॉलेज का माहौल उन कॉलेजों के ठीक उलट होता है जहां उन्होंने (छात्रों ने) स्नातक की शिक्षा पूरी की। उन्होंने सीट छोड़ने के भारी भरकम बांड के बंधन को प्रभावित छात्रों के लिए राहत पाने के उपायों में बड़ी बाधा करार दिया है।