महिला या पुरुष, किसे हार्ट अटैक का खतरा अधिक? क्या लक्षणों में भी होता है कोई अंतर

हृदय रोग गंभीर समस्याओं और वैश्विक स्तर पर मृत्य के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। हर साल हृदय से संबंधित तमाम बीमारियों-हार्ट अटैक के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले और भी अधिक देखे जा रहे हैं।

आश्चर्यजनक तौर पर कम उम्र के लोगों में भी ये मौत का कारण बनती जा रही है।

पर क्या आप जानते हैं कि लिंग के आधार पर हृदय रोगों का खतरा कम और अधिक भी हो सकता है?

हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक कम उम्र में पुरुषों को महिलाओं की तुलना में हृदय रोग का अधिक खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लिंग के आधार पर हार्ट की समस्याओं का जोखिम कई कारकों पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि पुरुषों में इस गंभीर रोग का खतरा क्यों अधिक होता है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है?

किसमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ज्यादातर अध्ययन इस बात की तरफ संकेत देते हैं कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का जोखिम अधिक हो सकता है। पुरुषों में धूम्रपान और तनाव जैसी अस्वास्थ्यकर आदतें इस जोखिम को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं। वहीं रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

विशेषज्ञों का मानना है जिस तरह से लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी की समस्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में दोनों लिंग- महिला और पुरुष को इस गंभीर रोग से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। हृदय रोग को लेकर अपने जोखिम कारकों को समझना और इससे बचाव करना आवश्यक है।

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