उल्कापिंडों पर पहली बार मिला पानी, साइंटिस्ट गदगद, पता चलेगा धरती पर पानी कहां से आया
धरती पर पानी कहां से आया, इसे लेकर तरह-तरह के दावे हैं. लेकिन ज्यादातर साइंटिस्ट का मानना है कि करोड़ों साल पहले अंतरिक्ष से बड़े-बड़े पिंड आकर धरती पर गिरे और वही अपने साथ पानी और सोना-चांदी, हीरा जैसी कीमती चीजें ले आए. अब पहली बार इसके सबूत मिलते नजर आ रहे हैं. वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में मिले 2 क्षुद्रग्रहों या उल्कापिंडों की सतह पर पहली बार पानी के सबूत मिलने का दावा किया है. इससे पता चल सकता है कि हमारे सौर मंडल में पानी कहां से आया?
साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने स्ट्रैटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी फॉर इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी द्वारा एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण किया. यह एक दूरबीन है, जिसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर संचालित करता है. जिन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन किया गया, उनका नाम आइरिस और मालिसा हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि पहली बार इतना पुख्ता सबूत मिला है, जिससे पता चल सकता है कि हमारी धरती पर पानी कहां से आया होगा?
आइरिस और मैलिसा की सतह पानी से भरपूर
द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, आइरिस और मैलिसा दोनों की सतह पर भरपूर मात्रा में सिलिकेट पाए गए हैं. पानी के अणु से बने सिलिकेट ग्लास में फंसे हुए हैं. ऐसा लगता है कि ये रासायनिक रूप से क्षुद्रग्रह पर अन्य खनिजों से बंधे हैं. रिसर्च की प्रमुख लेखक और क्षुद्रग्रह शोधकर्ता अनिसिया अरेडोंडो ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर इसके बारे में खुद पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा, पहली बार हमने क्षुद्रग्रहों पर एक ऐसी विशेषता का पता लगाया है जो स्पष्ट रूप से पानी की मौजूदगी के बारे में स्पष्ट संकेत देता है. इस खोज से वैज्ञानिकों को समझने में मदद मिलेगी कि पानी पृथ्वी तक कैसे पहुंचा.