Microsoft Outage से हैं परेशान, तो समझें क्या है सर्वर और किस तरह से करता है काम?

Microsoft Outage का असर दुनियाभर में देखने को मिल रहा है, यूजर्स को कंप्यूटर और लैपटॉप में विंडोज से जुड़ी दिक्कत का सामाना करना पड़ रहा है. सिस्टम चलते-चलते बंद पड़ रहाहै और स्क्रीन पर यूजर्स को लिखा नजर आ रहा है कि सिस्टम में प्रॉब्लम है और इसे रीस्टार्ट की जरूरत है. Microsoft Server में खराबी की वजह से यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट Azure, माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस और माइक्रोसॉफ्ट स्टोर को चलाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
सर्वर ठप्प है ज़नाब बाद में आना, ऐसा ही कई बार आप लोगों को भी बैंक में, पोस्ट ऑफिस में और भी कई जगहों पर सुनने को मिला होगा. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि Server आखिर होता क्या है और सर्वर किस तरह से काम करता है?
What is Server: क्या है सर्वर?
सर्वर एक तरह का सिस्टम है जो नेटवर्क के जरिए कनेक्टेड कंप्यूटर्स और डिवाइसेज को सर्विस प्रदान करता है. सर्विस कई तरह की हो सकती है जिसमें डेटाबेस, होस्टिंग, यूजर एक्सेस कंट्रोल समेत और भी कई चीजें शामिल होती हैं. सर्वर का काम डेटा को जुटाना है और खुद से जुड़े डिवाइस को सुविधा देना है.
Types of Server: कितनी तरह के होते हैं सर्वर?
वेब सर्वर, डेटाबेस सर्वर, फाइल सर्वर, मेल सर्वर, एप्लिकेशन सर्वर, प्रॉक्सी सर्वर, गेम सर्वर और वर्चुअलाइजेशन सर्वर, हर सर्वर का काम अलग है. ये कंपनी और यूजर की जरूरत पर निर्भर करता है कि वह कौन सा सर्वर लेते हैं.
Server Work: सर्वर कैसे करता है काम?
जब भी हम अपने फोन में किसी वेबसाइट को ओपन करने के लिए सर्च बार में टाइप करके एंटर दबाते हैं तो हमारे फोन से वो Query सर्वर पर जाती है और हमारे सामने वो जानकारी खुलकर आ जाती है जो हम खोज रहे होते हैं. सर्वर पर साइट की जानकारी सेफ रहती है जिससे कि सर्वर हमारी स्क्रीन पर जानकारी उपलब्ध कराता है. उदाहरण के लिए वेब सर्वर वेब ब्राउजर से आने वाली HTTP रिक्वेस्ट को समझता है और डेटाबेस सर्वर क्लाइंट एप्लिकेशन से आने वाली SQL Query को समझता है.
मान लीजिए आपको Facebook पर अपना अकाउंट ओपन करना है और आपने गूगल पर फेसबुक लिखकर सर्च किया. तो आपकी रिक्वेस्ट DNS (डोमेन नेम सिस्टम) सर्वर के पास जाएगी, डीएनएस एक प्रकार का सर्वर है. इसके बाद डीएनएस सर्वर सर्च इंजन को फेसबुक आईपी एड्रेस देगा. इस आईपी एड्रेस के जरिए आपके सर्च इंजन को फेसबुक के सर्वर की जानकारी मिलेगी.फेसबुक सर्वर को रिक्वेस्ट मिलेगी और आपके फोन की स्क्रीन पर फेसबुक पेज ओपन हो जाएगा.
डेटा और रिसोर्सेज को अनऑथोराइज्ड एक्सेस से बचाने के लिए सर्वर की सिक्योरिटी के लिए कड़े इतज़ाम किए जाते हैं. इसमें ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म, डेटा ट्रांसमिशन एनक्रिप्शन, सिस्टम को अपडेट रखने के लिए रेगुलर मैंटेनेंस आदि कई चीजें शामिल हैं.

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