Mild Hybrid vs Strong Hybrid: खरीदनी है हाइब्रिड कार? तो पहले समझें माइल्ड और स्ट्रांग हाइब्रिड में क्या है फर्क?

आप भी नई Hybrid Technology वाली कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं? तो आपको पहले कुछ जरूरी बातों के बारे में जानकारी होनी चाहिए जैसे कि Mild Hybrid और Strong Hybrid के बीच आखिर क्या फर्क है? अगर आपने बिना इस बात को समझें हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाली कार को खरीद लिया तो हो सकता है कि आपको बाद में पछताना पड़े.
आप खुद के लिए सही गाड़ी चुन पाएं इसलिए आज हम आपको समझाएंगे कि माइल्ड हाइब्रिड और स्ट्रांग हाइब्रिड, दोनों ही टेक्नोलॉजी में क्या फर्क है.
Mild Hybrid vs Strong Hybrid: क्या है अंतर?
माइल्ड हाइब्रिड में फ्यूल बेस्ड इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक मोटर भी दी जाती है. गौर करने वाली बात यहां यह है कि माइल्ड हाइब्रिड में दी गई मोटर ज्यादा ताकतवर नहीं होती जिस वजह से कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी की तरह नहीं चलाया जा सकता. माइल्ड हाइब्रिड गाड़ियों में बैटरी का काम सिर्फ गाड़ी के इंजन को सपोर्ट करना होता है. इस टेक्नोलॉजी के जरिए बेशक कार का माइलेज ज्यादा नहीं बढ़ता लेकिन कार को पिकअप में जरूर सपोर्ट मिलता है.
स्ट्रांग हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाली गाड़ी में कंपनी ज्यादा ताकतवर मोटर और बैटरी देती है, इसका फायदा यह होता है कि इस तरह की कार में पेट्रोल-डीजल की तुलना बेहतर माइलेज मिलता है जिससे रेंज बढ़ती है. इसका सीधा मतलब है ईंधन की कम खपत और साथ ही ये गाड़ियां कम प्रदूषण फैलाती हैं. वो कहते हैं न हर चीज के अगर कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं, इस तरह की गाड़ियों में दी गई बैटरी महंगी होने की वजह से कार की कीमत भी बढ़ जाती है.
टोयोटा हाइराइडर, होंडा सिटी हाइब्रिड और मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा जैसी गाड़ियां Strong Hybdrid Cars हैं. वहीं, दूसरी तरफ एक्सएल6, अर्टिगा जैसी गाड़ियां Mild Hybrid Cars हैं. हर चीज के अपने फायदे और अपने नुकसान हैं, ये आपको चुनना है कि आप बेहतर पिकअप चाहते हैं या फिर माइलेज?

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