सैन्य खुफिया चीफ ने मानी अपनी नाकामी, कहा-नहीं रोक पाए इजरायल पर 7 अक्टूबर वाला हमास का हमला, पद छोड़ा
Israel-Hamas War: फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने गत सात अक्टूबर को इजरायल पर जमीन, हवा और समुद्र के जरिए भीषण हमला किया। हमास के इस हमले को देखकर दुनिया दंग रह गई। इस हमले पर इजरायल भी हैरान रह गया क्योंकि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खुफिया एजेंसियों में शुमार उसकी इंटेलिजेंस एजेंसी को इस हमले की भनक तक नहीं लगी।
इसे इजरायल की खुफिया एजेंसी की बहुत बड़ी नाकामी के तौर पर देखा गया। अब सैन्य गुफ्तचर विभाग के प्रमुख अहरोन हलीवा ने माना है कि हमास के हमलों को वह रोक नहीं पाए। हलीवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
पद छोड़ने वाले पहले बड़े अधिकारी
बता दें कि इजरायल के सैन्य खुफिया प्रमुख हलीवा, हमास के हमले संबंधी विफलता को लेकर पद छोड़ने वाले पहले वरिष्ठ इजराइली अधिकारी हैं। हलीवा ने अक्टूबर में कहा था कि उस हमले को नहीं रोक पाने की वह जिम्मेदारी लेते हैं, जिसने इजरायल की सुरक्षा में सेंध लगाई थी।
हमास ने बर्बरता की सारी हदें पार कीं
इन हमलों ने हमास ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। महिलाओं, बजुर्गों एवं बच्चों को उसने निशाना बनाया। कई घंटों तक चले उसके ‘खूनी खेल’ में करीब 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए। यही नहीं, उसने 250 लोग जिनमें बच्चे, बुजुर्ग और विदेशी नागरिक शामिल थे उन्हें बंधक बनाकर गाजा ले गया। अभी भी 129 बंधकों की रिहाई नहीं हो पाई है। इन बंधकों की रिहाई न होने पर इजरायल के लोगों का गुस्सा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ बढ़ता जा रहा है।
हमास को पहले हवाई हमलों से निशाना बनाया
सात अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल ने पलटवार करना शुरू किया। नेतन्याहू ने देश से हमास के हर सदस्य को मार गिराने का वादा किया। हमले के कुछ दिनों के बाद इजरायल की वायु सेना ने पहले गाजा पर हवाई हमले शुरू किए। इन हमलों में हमास के ठिकानों एवं उसके सुरंगों को निशाना बनाया गया।
नेतन्याहू के तेवर अभी भी सख्त
हवाई कार्रवाई में हमास के कमजोर पड़ने के बाद आईडीएफ ने जमीनी कार्रवाई शुरू की। आईडीएफ की जमीनी कार्रवाई में हमास के साथ उसकी आमने-सामने की लड़ाई हुई। इजरायल और हमास के बीच लड़ाई 7वें महीने में प्रवेश कर गई है और यह अभी भी जारी है। अमेरिका के दखल एवं दबाव के बावजूद नेतन्याहू के तेवर नरम नहीं पड़े हैं।