Mirzapur 3 Bonus Episode: मुन्ना भैया के वो 5 डायलॉग्स, जो पूरे सीजन 3 पर भारी पड़ गए

”हमें कोई नहीं मार सकता, हम अमर हैं”. यह डायलॉग है मुन्ना भैया का, जिसे वो मिर्जापुर के पहले ही सीजन में कह चुके थे. पर दूसरा सीजन खत्म होते होते गुड्डू भैया (अली फजल) ने उनका काम तमाम कर दिया. मिर्जापुर की लड़ाई गुड्डू पंडित के लिए आसान हो चुकी थी. ऐसे में तीसरा सीजन आया. 10 एपिसोड में गुड्डू भैया और बाकी लोगों ने मिर्जापुर के लिए खूब लड़ाई लड़ी. पर ऑडियंस को कुछ नहीं जचा क्योंकि वो मुन्ना भैया को वापस देखना चाहते थे. ‘मिर्जापुर’ का सीजन 3 एकदम ठंडा रहा, जिसे देखने के बाद मेकर्स को न चाहते हुए भी Mirzapur 3 Bonus Episode का ऐलान करना पड़ा. इसमें कालीन भैया के लड़के की एंट्री हो गई है, जिसे गुड्डू पंडित ने डिलीट किया था. 30 अगस्त को अमेजन प्राइम वीडियो पर यह बोनस एपिसोड आ गया. और वापस आ गए मुन्ना भैया.
तीसरे सीजन को जैसा रिस्पॉन्स मिला था, उसके बाद मेकर्स ने इस बोनस एपिसोड का ऐलान किया. गुड्डू पंडित का एक प्रोमो आया, जिसमें मुन्ना भैया के नाम पर खूब बज क्रिएट किया गया. कुछ लोग पहले से जानते थे इसमें बस डिलिटेड सीन दिखाए जाएंगे, लेकिन कुछ को लगा होगा शायद मेकर्स पूरी तरह से मुन्ना भैया को ला रहे हैं. आए भी पर इन डिलिटेड सीन का नैरेशन देने के लिए. थोड़ी देर के लिए ही सही, पर जितने बवाली मुन्ना भैया हैं उनके उतने ही भौकाली डायलॉग्स भी सुनने को मिले. 25 मिनट में मुन्ना भैया ने कितना माहौल बनाया देख लीजिए.
मुन्ना भैया के ये डायलॉग्स फुल भौकाली है
हम क्या गए पूरा बवाल मच गया. पापा जिंदगी भर हमें वीडियो गेम खेलने से रोके, पूरी बैठक को वीडियो गेम स्टाइल में भून दिए. तीन गोली हम भी खाए थे निपट गए, पर आपके दिल से कौन निकालेगा हमें? सुना है हमारे लॉयल फैन्स बहुत मिस किए हमको. सच कहें मिस तो हम भी बहुत किए आप लोगों को. हमारे लिए लॉयल्टी की वैल्यू सबसे बढ़कर है और आपकी इस लॉयल्टी के लिए रॉयल्टी तो बनती है. इसी के साथ इस बोनस एपिसोड की शुरुआत होती है. एक-एक शब्द मुन्ना भैया के हैं, जिन्हें सुनने के लिए फैन्स के कान तरस गए थे. खुद मुन्ना भैया अपने फैन्स के लिए वो चीजें लेकर आए हैं, जिन्हें सीजन 3 में फैन्स ने मिस किया. जस्ट फॉर यू मुन्ना भैया के सौजन्य से क्या आया है? देखिए.
1. पहला डिलीटेड सीन गुड्डू पंडित और उनकी मां का था. इस दौरान वो बताते हैं कि पिता नहीं आए हैं. आखिर में बहन को पैसे पकड़ाकर शुभकामना देते हैं. इस पर मुन्ना भैया कहते हैं कि- हमको लगता था केवल हमारा परिवार ही विचित्र है, लेकिन यह पंडित फैमिली भी कम नहीं है. तो क्या सबकी फैमिली ऐसी ही होती है क्या? आपका भी?
2. दूसरे डिलीटेड सीन में गोलू मिर्जापुर में फुल भौकाल बनाती नजर आ रही हैं. जिस गज्जूमल कॉलेज के मुन्ना भैया किंग कहलाए जाते थे. वहां पहुंचकर बंदूक की नोंक पर उनके आदमियों को अपनी गैंग में शामिल कर लेती है. इस पर वो कहते हैं: पटाखा की छोटी बहन डबल पटाखा निकली. कद में छोटी हैं पर गोली सीधा सीने पर मारती है. पर गोलू देवी तुम चाहे कितना ही गॉडमदर बनकर घूम लो कॉलेज की गलियों में और बंदूक की नलियों में नाम आज भी हमारा की दर्ज मिलेगा.
3. रॉबिन और डिम्पी की लव स्टोरी पर मुन्ना भैया कहते हैं: प्यार बहुत गलत चीज है. कभी कभी हमको लगता है हमें मोटिवेशनल स्पीकर बन जाना चाहिए. अब डिम्पी और रॉबिन को देख लो इनको क्या लगा था इनका लव स्टोरी का हैप्पिली एवर आफ्टर होगा, हां?
4. एक सीन में शरद (अंजुम शर्मा) मुख्यमंत्री माधुरी यादव के करीब दिख रहे हैं. दोनों के बीच कुछ जरूरी बातें होती हैं. इस पर मुन्ना भैया कहते हैं: तुमसे बेटर उम्मीद किए थे बे शरद. दोस्त बोला और. ठीक किए पापा, बिल्कुल ठीक किए. गधा जितना ही चाल चल ले कभी घोड़ा नहीं बन सकता.
5. वैसे हम भी सीएम कमाल लगते. नहीं? पर क्या करें हम त्रिपाठियों को यह राजनीति सूट नहीं करती. क्योंकि हम करते पहले हैं सोचते बाद में हैं.

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