हर रात गुनगुने दूध में मिलाकर पी लीजिए इस सफेद पाउडर को, ताकत लगेगी बलबलाने

अश्वगंधा संस्कृत शब्द है जिसका मतलब होता है घोड़े से निकलने वाली गंध. यानी घोड़ा ताकत या शक्ति का प्रतीक है जबकि गंध स्वास्थ्य को अनुकूल बनाता है. बेशक संस्कृत के हिसाब से सिर्फ यह ताकत का प्रतीक है लेकिन इसके कई कुदरती गुण कमाल के हैं.

इसे इंडियन जिनसिंग या विंटर चेरी भी कहा जाता है. अश्वगंधा पौधा झाड़ियों में उगता है जिसमें पीले रंग का फूल होता है. अश्वगंधा की जड़ से इसका पाउडर तैयार किया जाता है जिसे आयुर्वेद में सदियों से कई बीमारियों के लिए इलाज में इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद में अश्वगंधा से एंग्जाइटी, ताकत और फर्टिलिटी में इस्तेमाल होता है. हालांकि आधुनिक विज्ञान में अश्वगंधा के कई गुणों को प्रमाणित किया है.

एंग्जाइटी और डिप्रेशन में रामबाण

अश्वगंधा का इस्तेमाल आजकल विदेश में इसलिए ज्यादा बढ़ दया है कि क्योंकि अश्वगंधा को रात में दूध के साथ लेने पर स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं दूर हो जाती है. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक अश्वगंधा में एडोप्टोजेन नाम का कंपाउड पाया जाता है जो स्ट्रेस वाले हार्मोन कॉर्टिसोल के स्तर को कम कर देता है. अश्वगंधा के सेवन से ब्रेन फंक्शन तेज होता है. इसके लिए हुए अध्ययन में पाया गया कि जब लोगों को 240 मिलीग्राम अश्वगंधा दिया गया तो उनमें एंग्जाइटी और स्ट्रोस खत्म हो गया.

 

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