फ्रांस में मोना लिसा की पेंटिंग पर प्रदर्शनकारियों ने फेंका सूप, क्या बेकार हो गई दा विंची की मेहनत?
फ्रांस में स्वस्थ और टिकाऊ भोजन के अधिकार की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कांच में बंद मोना लिसा की पेंटिंग पर सूप फेंका है। लियोनार्डो दा विंची की 16वीं शताब्दी की यह पेंटिंग दुनिया की सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियों में से एक है। इसे मध्य पेरिस के लौवर में रखा गया है। मोना लिसा की पेंटिंग बुलेटप्रूफ शीशे के पीछे स्थित है इसलिए इसके क्षतिग्रस्त होने की संभावना नहीं है। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें “फूड काउंटरटैक” लिखे टी-शर्ट पहने दो महिलाओं को तरल पदार्थ फेंकते हुए दिखाया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने सूप फेंक कर क्या कहा
सूप फेंकने के बाद महिला प्रदर्शनाकरियों ने पेंटिंग के सामने खड़े होकर कहा, “क्या अधिक महत्वपूर्ण है? कला या स्वस्थ और टिकाऊ भोजन का अधिकार? वे आगे कहते हैं, “आपकी कृषि प्रणाली खराब है। हमारे किसान काम के दौरान मर रहे हैं।” इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने इन महिलाओं के फोटो और वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस पर संग्रहालय के सुरक्षाकर्मियों ने मोना लिसा की फोटो के सामने काली स्क्रीन की दीवार खड़ी कर दी और लोगों से कमरा खाली करने का आग्रह किया।
फ्रांसीसी सरकार ने हमले की आलोचना की
रिपोस्टे एलिमेंटायर (“फूड काउंटरटैक”) नामक एक समूह ने मोना लिसा की पेंटिंग पर हमले की जिम्मेदारी ली है। एक बयान में, उन्होंने कहा कि सूप फेंकना “टिकाऊ भोजन की सामाजिक सुरक्षा की स्पष्ट मांग के साथ नागरिक प्रतिरोध के अभियान की शुरुआत” है। फ्रांस की संस्कृति मंत्री रचिदा दाती ने कहा कि “कोई भी कारण” मोना लिसा को निशाना बनाए जाने को उचित नहीं ठहरा सकता। उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर कहा, “हमारी विरासत की तरह पेंटिंग भी भविष्य की पीढ़ियों के लिए है।”
मोना लिसा की पेंटिंग पर पहले भी हो चुरे हैं हमले
मोना लिसा की पेंटिंग को 1950 के दशक में ही एक प्रोटेक्टिव ग्लास के पीछे लगा दिया गया था, जब एक आगंतुक ने उस पर तेजाब डालकर क्षतिग्रस्त कर दिया था। 2019 में, संग्रहालय ने कहा था कि उसने इस पेंटिंग की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ ग्लास लगाया है, जो पहले से अधिक पारदर्शी है। 2022 में, एक कार्यकर्ता ने पेंटिंग पर केक फेंका था और लोगों से “पृथ्वी के बारे में सोचने” का आग्रह किया था।