Money Lending Act: ब्याज पर पैसे देकर कमा सकते है मोटा पैसा, साहूकार अधिनियम के तहत ले सकते है लाइसेंस
ब्याज के लेनदेन में बहुत कमाई होती है, खासकर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं की सबसे ज्यादा आय लोन पर मिलने वाले इंटरेस्ट से होती है. वैसे तो देश में ब्याज पर पैसों का लेन-देन वर्षों से चला आ रहा है.
कुछ वर्षों पहले बैंकों के अलावा लोग स्थानीय स्तर पर भी ब्याज पर पैसा देते थे. हालांकि, आज भी सेठ-साहूकार यह काम करते हैं लेकिन इस काम के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है जो ज्यादातर लोगों के पास नहीं रहता है या उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं होती. ब्याज का बिजनेस करके एक्स्ट्रा इनकम चाहते हैं तो यह एक अच्छा विकल्प है.
आप भी ब्याज पर पैसा बांटकर बेहतर कमाई कर सकता है. पिछले कुछ वर्षों में बैंकों के अलावा, एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का भी उदय हुआ है जो लोन और ब्याज के बिजनेस से अच्छा पैसा कमा रही हैं. आइये आपको बताते हैं कि आखिर आप कैसे ब्याज पर पैसे देने का बिजनेस कानूनी अनुमति के साथ कर सकते हैं.
क्या है मनी लैंडिंग एक्ट?
ब्याज पर पैसे बांटने के लिए मनी लैंडिंग एक्ट के तहत लाइसेंस लेना अनिवार्य है, क्योंकि बिना लाइसेंस के ब्याज पर पैसा देना गैरकानूनी है. बैंकों और एनबीएफसी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से बैंकिंग लाइसेंस मिलता है.
जबकि आम आदमी को जिला स्तर पर साहूकारी अधिनियम के तहत लाइसेंस मिल जाता है. दरअसल देश में कई गरीब और जरूरतमंद लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें कई कारणों से बैंक लोन देने से मना कर देते हैं. ऐसी स्थिति में लोग पैसा उधार लेने के लिए बाजारों में बैठे साहूकारों के पास चले जाते हैं.
इस विषय की जानकारी रखने वाले टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन का कहना है कि मनी लैंडिंग यानी ब्याज पर पैसा उधार देने का काम शुरू करने के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता होती है.
बिना लाइसेंस के पैसे ब्याज पर उधार बांटना गैरकानूनी है. वहीं, लाइसेंस में दिए गए निर्देशों के तहत कर्ज पर ब्याज लिया जाता है. तय दर से ज्यादा ब्याज लेना गैरकानूनी है.
कैसे हासिल करें लाइसेंस
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्याज पर पैसे बांटने के लिए मनी लेंडिंग एक्ट (Money Lending Act) यानी साहूकारी अधिनियम के तहत सरकारी संस्था से लाइसेंस लेना पड़ता है.
देश के अलग-अलग राज्यों में साहूकार कानून है. ऐसे में आप जिला स्तर पर प्राधिकृत सरकारी संस्था से लाइसेंस लेकर ब्याज पर पैसे देने का काम शुरू कर सकते हैं.
अलग-अलग राज्यों में आप राजस्व विभाग, नगर पालिका या स्थानीय स्तर पर सरकार द्वारा प्राधिकृत संस्था से साहूकारी का लाइसेंस ले सकते हैं. लाइसेंस मिलने के बाद हर साल व्यक्ति को ब्याज पर रकम बांटने का लेखा-जोखा संबंधित संस्था के सामने पेश करना पड़ता है. इस तरह लाइसेंस लेकर कोई भी व्यक्ति निजी रूप से ब्याज पर पैसे बांटने का काम कर सकता है.