Monsoon 2024: केरल में झमाझम बारिश से भूस्खलन और जलभराव,UP-बिहार और दिल्ली में कब बरसेंगे बदरा?
देश में पड़ रही भीषण गर्मी के बाद अब हर किसी को केवल इस बात का इंतजार है की मॉनसून कब आएगा और आखिर कब हमें इस झुलसा देने वाली गर्मी से राहत मिलेगी. इसी बीच केरल में दस्तक देने के दो दिन बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के और प्रबल होने से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और दक्षिण और मध्य जिलों में भूस्खलन, पेड़ों के उखड़ने और जलभराव की स्थिति देखने को मिली है.
कोट्टायम और इडुक्की जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में घंटों तक लगातार बारिश होने की वजह से बड़े पैमाने पर तबाही हुई, जबकि भारी बारिश के कारण त्रिशूर जिले के निचले इलाकों में जलभराव हुआ और यातायात प्रभावित रहा. भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने शनिवार को त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा इडुक्की, पलक्कड़ और वायनाड के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया और छह जिलों में ‘येलो’ अलर्ट है.
क्या है येलो, रेड और ऑरेंज अलर्ट?
आसान भाषा में कहें तो रेड अलर्ट 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा की भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब है 11 सेमी से 20 सेमी की बहुत भारी बारिश, तो वहीं येलो अलर्ट का मतलब है छह सेमी से 11 सेमी की भारी बारिश. इन पैमानों के हिसाब से जिलों में अलर्ट जारी किया जाता है. आपको बता दें की कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम के कुछ हिस्सों में शुक्रवार रात से ही भारी बारिश हो रही है. इसके अलावा, पहाड़ी जिले इडुक्की के अंदरूनी इलाकों में स्थित पूचपरा और कोलप्परा में भूस्खलन और पेड़ों के उखड़ने की सूचना मिली है. जानकारी के मुताबिक, भूस्खलन से कुछ मकान और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं लेकिन किसी की जान जाने की खबर नहीं है.
भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गई सड़कें
यहां पर कई फसलें नष्ट हो गईं और आंतरिक सड़कें भी भूस्खलन विशाल चट्टानें गिरने से ना केवल क्षतिग्रस्त हो गईं, बल्कि रास्ते टूट गए हैं. इडुक्की में मलंकारा बांध के पांच फाटक खोले जाने के बाद जिले के अधिकारियों ने थोडुपुझा और मुवत्तुपुझा नदियों के किनारे रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. पड़ोसी कोट्टायम जिले के विभिन्न भागों में भारी बारिश के मद्देनजर मीनाचल और मणिमाला नदियों के पास रहने वाले लोगों से भी सतर्क रहने का आग्रह किया गया है.
31 मई की रात से जारी है बारिश
बंदरगाह शहर कोच्चि में हालांकि मध्यम बारिश हुई, लेकिन एर्नाकुलम के अलुवा क्षेत्र में 31 मई की रात से भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सुबह एर्नाकुलम, त्रिशूर और मलप्पुरम जिलों में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और 40 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चलने की संभावना है. त्रिशूर जिले में आज सुबह से भारी बारिश हो रही है, जिससे लोग बड़ी संख्या में बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं. शहर के कई हिस्सों में जलभराव और यातायात अवरूद्ध होने की सूचना है.
तेज हवाएं चलने की संभावनाएं
मौसम विभाग के अनुसार, त्रिशूर में मध्यम से तेज बारिश के साथ 40 किमी प्रति घंटे तक की गति से हवाएं चलने की संभावना है. अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है क्योंकि प्रमुख सड़कों पर जलभराव और खराब दृश्यता के कारण यातायात बाधित हो सकता है. उन्होंने निचले इलाकों और नदी के किनारों के कई हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी भी दी है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में दस्तक दी थी. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बीते रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से टकराने वाले चक्रवात रेमल ने मॉनसून को बंगाल की खाड़ी में खींच लिया था, जो पूर्वोत्तर में मॉनसून के जल्द दस्तक देने का एक कारण हो सकता है.
दिल्ली में कब आएगा मॉनसून
बात अगर उत्तर भारत करें तो पूरा उत्तर भारत इस वक्त भीषण गर्मी की चपेट में हैं. यहां मॉनसून का इंतजार लंबे वक्त से किया जा रहा है. मौसम विभाग की मानें तो जून के अंत तक दिल्ली में मॉनसून दस्तक दे सकता है. आमतौर पर 27 जून तक दिल्ली में मॉनसून दस्तक देता है. इसके अलावा बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 10 जून तक मॉनसून आने की संभावना है.