दुनिया का सबसे ज्यादा पैसा संभालने वाली कंपनी के सीईओ की गोल्ड को लेकर बात सुनिए, खुल जाएंगी आंखें

दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक के को-फाउंडर और सीईओ लैरी फिंक ने भारतीयों को गोल्ड के प्रति को लेकर बड़ी बात कही है. उनका कहना है कि गोल्ड भले एक सुरक्षित निवेश विकल्प हो सकता है लेकिन ये किसी अर्थव्यवस्था के लिए कुछ खास करता नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में जब वह भारत आए थे तो यहां नीति निर्माताओं से इस बात का जिक्र किया था. बकौल फिंक, भारतीय पॉलिसीमेकर्स ने भी इस बात को लेकर अफसोस जताया था.

लैरी फिंक का कहना है कि सोना कोई इकोनॉमिक मल्टीप्लायर नहीं है. बकौल फिंक, सोना तिजोरी में पड़ा रहता है, यह एक अच्छा स्टोर हो सकता है लेकिन सोना आर्थि विकास नहीं करता है. उन्होंने घर खरीदने या फिर बैंकों में पैसा जमा करने को सोने में इन्वेस्ट करने से बेहतर विकल्प बताया है.

घर और बैंक में पैसा जमा करना क्यों बेहतर

लैरी फिंक का कहना है कि घर में निवेश करना अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचाता है. बकौल फिंक, यह एक इकोनॉमिक मल्टीप्लायर है. उन्होंने इसे विस्तार से समझाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति घर खरीदता है तो उसे सजाने और मरम्मत कराने की भी जरूरत होगी जिसके लिए वह खरीदारी करेगा. उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक एक्टिविटी पैदा होगी. फिंक का कहना है कि बैंक में पैसा जमा करने पर भी आर्थिक गतिविधि होती है क्योंकि बैंक इस पैसे का इस्तेमाल मॉर्गेज देने के लिए करता है.

अमेरिका में रिटायरमेंट फंड का संकट

फिंक ने कहा कि यूएस में रिटायरमेंट फंड का संकट दिख रहा है. उन्होंने इस संकट के लिए भी भारतीयों का सोने में निवेश करना ही कारण बताया. उन्होंने कहा कि जापान और भारत को निवेश के लिए सोने के अलावा और भी विकल्प तलाशने होंगे. बकौल फिंक, आज जापान में यह काम अधिकांश बैंक करते हैं. फिंक का कहना है कि कमोडिटी में निवेश ने भारत में स्टॉक मार्केट से खराब प्रदर्शन किया है.

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