MPOX अभी भी है खतरा, WHO ने ऐसा क्यों कहा, एक्सपर्ट्स से जानें
दुनिया के कई देशों में अब एमपॉक्स वायरस के मामले पहले की तुलना में कम रिपोर्ट हो रहे हैं. कुछ महीनों पहले ये वायरस फिर से फैलना शुरू हो गया था, लेकिन फिलहाल मामले कंट्रोल में है, लेकिन WHO ने कहा है कि ये वायरस अभी भी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बना हुआ है. एमपॉक्स के मामले भले ही कम हुए हैं, हालांकि अभी भी इस वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए. WHO ने इस वायरस को लेकर फिर से अलर्ट क्यों जारी किया है और इसका क्या कारण है.
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि कुछ देशों में एमपॉक्स के मामले भले ही कम हुए हैं, लेकिन अफ्रीका के देशों में अभी भी लगातार केस सामने आ रहे हैं. कांगों में केस हर सप्ताह रिपोर्ट किए जा रहे हैं. जनवरी से 15 नवंबर तक 46, 756 केस आ चुके हैं. वायरस के स्ट्रेन में लगातार बदलाव हो रहा है. क्लेड आईबी तेजी से फैल रहा है. ये कांगों के अलावा अफ्रीका के अन्य देशों में भी फैल रहा है. हालांकि मंकीपॉक्स की वैक्सीन को भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अफ्रीका के कुछ देशों में लगातार आ रहे मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी में ही रखा है.
900 से अधिक मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कांगो में एमपॉक्स से 900 से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. सेंट्रल और ईस्ट अफ्रीका में एमपॉक्स तेजी से फैल रहा है. हालांकि अफ्रीका के अलावा अन्य इलाकों में केस कम हो रहे हैं, लेकिन अभी भी यह वायरस मौत का कारण बन रहा है. ऐसे में इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए. जिन इलाकों में वायरस के केस आ रहे हैं वहां लोगों को इससे सावधान रहने की जरूरत है. वायरस से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने की जरूरत है.
क्या है एमपॉक्स
एमपॉक्स एक वायरस है. इसको पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था. यह वायरस बंदरों से इंसानों में फैल था. इसके बाद इंसानों से इंसानों में इसका ट्रांसमिशन शुरू हो गया था. बीते कुछ सालों में विश्व स्वास्थ्य संगठन दो बार इस वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है. मंकीपॉक्स के कारण शरीर में बुखार आता है और दाने निकलने लगते हैं. यह वायरस मुख्य तौर पर शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है.