Mpox को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को जारी की एडवाइजरी, दिए ये निर्देश
भारत में मंकीपॉक्स ( Mpox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है. मंत्रालय ने इस वायरस की रोकथाम और बचाव को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि यह जरूरी है कि राज्य सरकारें Mpox को लेकर जागरूकता अभियान चलाएं, जिससे लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी रहें और वह पैनिक में न आएं. मंत्रालय ने कहा है कि राज्य और जिला स्तर के सीनियर अधिकारी स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करें. अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड सुनिश्चित किया जाए जिससे कि कंफर्म और संदिग्ध केस की सही से देखभाल और जांच हो सके.
मंत्रालय ने कहा है कि एमपॉक्स के संदिग्ध मामलों को अलग रखें, जिससे कि इन्फेक्शन ना फैले. इस बीमारी के संदिग्ध मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखें और जब तक जांच रिपोर्ट न आए तब तक मरीज को किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने न दें. जिस किसी व्यक्ति में एमपॉक्स की पुष्टि होती है उसको संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग करके उनकी भी जांच की जाए. सभी अस्पतालों में मंकीपॉक्स के रोकथाम और ट्रीटमेंट की उचित व्यवस्था रहे. मंत्रालय ने कहा है कि एमपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के सैपलों की जांच जरूरी है. इसके लिए कई लैब निर्धारित की गई हैं. किस लैब में सैंपल भेजने हैं इसकी जानकारी सभी राज्यों को दी गई है. मंकीपॉक्स से बचाव और रोकथाम के लिए प्रोटोकॉल भी जारी किया गया है.
पैनिक में न आएं लोग
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने की मंकीपॉक्स को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. जिससे लोग पैनिक में न आएं. मंकीपॉक्स कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या हैं इसको लेकर लोगों को जानकारी देने भी जरूरी है. मंत्रालय ने कहा है की भारत में मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए केंद्रीय स्तर पर जरूर कदम उठाए जा रहे हैं. राज्यों को भी इस वायरस को लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है.
ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी
कुछ दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेसी घोषित किया था. अफ्रीका में इस वायरस के मामले तेजी से बढ़ने और अन्य देशों में केस आने के बाद ये फैसला लिया गया है. भारत में भी मंकीपॉक्स के मामले आ रहे हैं और अभी तक जो केस आए हैं उनमें इस वायरस के क्लैड 1 और 2 केस हैं.