MSME के बदलने वाले हैं दिन, सरकार ने बनाया 5 लाख करोड़ का प्लान

स्मॉल और मीडियम बिजनेस के दिन बदलने वाले हैं. सरकार ने इस सेक्टर को बूस्ट करने और ज्यादा से ज्यादा नौकरी पैदा करने के उद्देश्य से अगले दो का प्लान बना लिया है. इस प्लान के तहत सरकार इस इंडस्ट्री को रिवाइव करने के लिए 5 लाख करोड़ रुपए देने का प्लान बना लिया है. अगर सरकार ने अगले दो साल में इस सेक्टर में 5 लाख करोड़ रुपए तक का निवेश करता है तो आने वाले सालों में एक्स्ट्रा निवेश और नौकरी की बरसात हो सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से क्या किया जा रहा है.
सरकार ने बनाया ये प्लान
सरकार का अगले दो सालों में सीजीटीएमएसई योजना के जरिए स्मॉल और मीडियम उद्यमों को दी जाने वाली क्रेडिट गारंटी को पांच लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने का लक्ष्य है. अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त (सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम) रजनीश ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के जरिये चार लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी दी गई.
एक लाख करोड़ का इजाफा
रजनीश ने फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा कि 22 सालों में सीजीटीएमएसई ने कुल 2.6 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी दी. लेकिन, पिछले दो वर्षों में हम चार लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी देने में सक्षम रहे हैं और अगले दो वर्षों में हम इसे पांच लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने का इरादा रखते हैं. उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में एमएसएमई के औपचारिकीकरण में एक बड़े अंतर को पाट दिया है. उद्यम पंजीकृत एमएसएमई की कुल संख्या एक साल पहले के 1.65 करोड़ इकाई से बढ़कर पांच करोड़ इकाई हो गई है.
इकोनॉमी के लिए कितना अहम हैं एसएमई
एमएसएमई भारत की इकोनॉमी में महत्वपूर्ण कंट्रीब्यूटर हैं, जो देश की जीडीपी, एक्सपोर्ट और रोजगार में योगदान करते हैं. अगर बात जीडीपी की करें तो साल 2022 में, भारत के जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी 29 फीसदी से अधिक थी. वहीं भारत के एक्सपोर्ट में एमएसएमई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, कुछ अनुमानों के अनुसार यह संख्या लगभग 46 फीसदी है. भारत में एमएसएमई दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है. यही वजह है कि मोदी सरकार का तीसरा टर्म एमएसएमई पर ज्यादा फोकस कर रहा है.

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