भारत को धमकाने के लिए मुइज्‍जू ने तुर्की से की यूक्रेन वाले घातक ड्रोन की डील, पाकिस्‍तान की राह पर मालदीव?

भारतीय सेना को जाने का आदेश देने के बाद अब मालदीव की मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार एक के बाद एक भारत विरोधी देशों के साथ अपने रिश्‍ते मजबूत करने में जुट गई है। चीन के साथ कई समझौते करने के बाद मुइज्‍जू सरकार अब तुर्की के साथ घातक ड्रोन समझौता कर रही है। मुइज्‍जू सरकार ने तुर्की की कंपनी बायकर के साथ 3 करोड़ 70 लाख डॉलर के एक समझौते पर साइन किया है। बायकर तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगान के दामाद की कंपनी है। मालदीव में पद संभालने के बाद मुइज्‍जू सबसे पहले तुर्की ही गए थे। तुर्की के ये ड्रोन आर्मीनिया से लेकर यूक्रेन की जंग में तबाही मचा चुके हैं। भारत का पड़ोसी दुश्‍मन देश पाकिस्‍तान भी इन किलर ड्रोन का इस्‍तेमाल करता है।

मालदीव की मुइज्‍जू सरकार का कहना है कि वह अपने विशाल समुद्री इलाके की निगरानी के लिए इन मिल‍िट्री ड्रोन की खरीद कर रही है। मालदीव की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुइज्‍जू सरकार ने इस ड्रोन डील के लिए पैसा भी जारी कर दिया है। इससे पहले भारत ने मालदीव को अपने समुद्री तटों की निगरानी के लिए डोर्नियर विमान और हेलिकॉप्‍टर दिया था। भारतीय सैन्‍य तकनीकी दल इस विमान की रिपेयरिंग करता था। इन भारतीय सैनिकों को मालदीव के राष्‍ट्रपति ने 15 मार्च तक चले जाने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इसी कमी को पूरा करने के लिए मुइज्‍जू ने तुर्की के साथ हाथ मिलाया है और सैन्‍य ड्रोन खरीद रहा है।

भारत के खिलाफ मोइज्‍जू ने उगला था जहर, दी धमकी

चीन की यात्रा से लौटने के बाद मुइज्‍जू ने यह संकेत दिया था कि वे तुर्की से ड्रोन खरीदने जा रहे हैं। इससे पहले गत 13 जनवरी को मुइज्‍जू ने भारत का नाम लिए बिना कहा था कि मालदीव किसी देश के पिछवाड़े में स्थित नहीं है। उन्‍होंने कहा, ‘भले ही हमारे द्वीप छोटे हो, हम एक विशाल देश हैं जिसका 9 लाख वर्ग किमी विशेष आर्थिक क्षेत्र है। मालदीव उन देशों में शामिल है जिसका इस हिंद महासागर में सबसे बड़ा हिस्‍सा है। यह समुद्र (हिंद) किसी एक देश (भारत) की प्रॉपर्टी नहीं है।’

मुइज्‍जू ने कहा, ‘हमने अपनी शक्ति और क्षमता को बढ़ाना शुरू कर दिया है ताकि पूरे 9 लाख किलोमीटर के विशेष आर्थिक क्षेत्र में अपनी निगरानी को बढ़ाया जा सके। मैं आशा करता हूं कि जल्‍द ही अपनी क्षमता को विकसित कर लेंगे ताकि इस पूरे इलाके का प्रबंधन किया जा सके।’ यही नहीं मुइज्‍जू सरकार ने तुर्की से सैन्‍य ड्रोन के लिए रास्‍ता साफ करते हुए आयात ड्यूटी को भी हटा दिया है। मालदीव की सेना ने अभी डील पर कोई बयान नहीं दिया है। अभी तक भारत और मालदीव की नौसेना मिलकर इस पूरे इलाके की निगरानी करते थे। इस इलाके में चीन की धमक बढ़ती जा रही है और अब मालदीव ने भी इसका फायदा उठाते हुए भारत को गीदड़भभकी देना शुरू कर दिया है।

चीन के कर्ज तले दबा हुआ है मालदीव

मालदीव की सेना पहली बार सैन्‍य ड्रोन विमान खरीदने जा रही है। वह भी तब जब मालदीव को चीन के कर्ज के नीचे दबा हुआ है। मालदीव ने भारत से भी अरबों डॉलर का कर्ज ले रखा है। इसके बाद भी मुइज्‍जू भारत को धमकाने के लिए कर्ज लेकर घी पी रहे हैं। भारत और मालदीव की इस दुश्‍मनी से तुर्की और चीन मालामाल होने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मालदीव कम से कम 3 लड़ाकू ड्रोन तुर्की से खरीदने जा रहा है। इससे मालदीव की सेना भारत से सटे समुद्री इलाके में 24 घंटे निगरानी कर पाएगी।

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