मुशीर खान ये 50,000 रुपये कभी नहीं भूलेंगे, भाई सरफराज से भी 2 कदम आगे ‘छोटे मियां’
सरफराज खान और उनके छोटे भाई मुशीर खान ने पिछले कई हफ्तों से भारतीय क्रिकेट में अपने टैलेंट का जलवा दिखाया है. सरफराज खान ने जहां घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद आखिरकार टीम इंडिया में डेब्यू किया और यहां भी दम दिखाया. वहीं छोटे भाई मुशीर ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में अपनी छाप छोड़ी और उसके बाद रणजी ट्रॉफी में भी इस युवा ऑलराउंडर ने दमदार खेल दिखाया. इस ऑलराउंडर के कमाल के प्रदर्शन की मदद से मुंबई ने रिकॉर्ड 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया.
गुरुवार 14 मार्च को मुंबई और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी फाइनल का आखिरी दिन था, जहां विदर्भ की दमदार कोशिशों के बावजूद खिताब मुंबई की झोली में ही आया. विदर्भ की पारी 368 रन पर खत्म हो गई और इस तरह मुंबई ने 169 रनों से ट्रॉफी अपने नाम कर ली. इस जीत के कई सितारों में से एक मुशीर खान भी थे, जिन्होंने फाइनल में बैटिंग और बॉलिंग में कमाल करते हुए टीम को खिताब तक पहुंचाया.
जो भाई ने नहीं किया, मुशीर ने कर दिखाया
इस फाइनल की पहली पारी में नाकाम होने के बाद मुशीर ने दूसरी पारी में जबरदस्त वापसी की. मुशीर ने इस पारी में 136 रन बनाए और टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया. इसके बाद मुशीर ने विदर्भ के कप्तान करुण नायर समेत टॉप ऑर्डर के 2 विकेट हासिल कर टीम की जीत की बुनियाद रखी. मुशीर ने इस प्रदर्शन के दम पर वो कर दिखाया, जो रनों का अंबार लगाने के बावजूद बड़े भाई सरफराज भी नहीं कर सके. न सिर्फ मुशीर ने मुंबई के साथ रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता, बल्कि फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए.
19 साल के इस युवा ऑलराउंडर को इनाम में 50 हजार रुपये मिले, जिसे वो शायद ही कभी भूलेंगे. मुशीर ने दिखा दिया कि उनके बड़े भाई सरफराज तो दमदार हैं ही, वो अपने भाई से भी 2 कदम आगे हैं. सरफराज मुंबई के लिए रणजी का खिताब नहीं जीत सके और न ही फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने थे लेकिन उनके भाई ने ये दोनों ही कमाल किए.
टीम इंडिया की जरूरत होगी पूरी
मुशीर आने वाले वक्त में टीम इंडिया में अपनी जगह के लिए दावा ठोक सकते हैं क्योंकि उनमें वो काबिलियत है, जिसकी तलाश टीम इंडिया को रहती है. एक दमदार बैटर होने के साथ ही एक उपयोगी स्पिनर होना मुशीर की खासियत है. मुशीर ने इस सीजन की सिर्फ 5 पारियों में ही 433 रन जड़ दिए, जिसमें 2 शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं. इसके साथ ही 5 विकेट भी उन्होंने झटके. भारतीय टीम में पिछले कुछ सालों में ऐसे खिलाड़ियों की कमी देखने को मिली है, जो टॉप ऑर्डर में अच्छी बैटिंग के साथ ही गेंद से भी मदद कर सकें और मुशीर वो कमी पूरी कर सकते हैं.