मेंढक के शरीर पर मशरूम उग गया, खोज में जो सामने आया हैरान कर देगा

भारत के पश्चिमी घाट की तलहटी से एक आश्चर्यजनक खोज सामने आई है. यहां एक ऐसा मेंढक पाया गया है, जिसके शरीर पर ‘मशरूम’ पनप रहा है (Mushroom growing Frog discovered in India).

ये पहली बार है जब किसी जीवित प्राणी के शरीर पर मशरूम उगते देखा गया है. हालांकि वैज्ञानिकों ने मेंढक को पकड़ा नहीं है, उसकी कुछ तस्वीरें ली गई हैं.

Bonnet mushroom बताया गया

मशरूमी मेंढक की ये खोज 19 जून 2023 को हुई. कर्नाटक के करकला स्थित कुद्रेमुख पहाड़ी की तलहटी पर. इलाके में बारिश के पानी की एक झील में वैज्ञानिकों को एक अनोखा मेंढक मिला. नाम रखा गया ‘Rao’s Golden-backed frogs’. मेंढक के शरीर के दाएं हिस्से में सफेद रंग की एक गांठ नुमा चीज़ निकल रही थी. वैज्ञानिकों ने इसकी पड़ताल की तो पाया कि ये ‘मशरूम’ है.

ये अनोखी खोज वैज्ञानिक चिन्मय मालिये और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर-इंडिया (WWF-I) के वेटलैंड स्पेशलिस्ट लोहित वाईटी ने की है. इस रिसर्च को Reptiles and Amphibians जर्नल में भी पब्लिश किया गया है. फंगस की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट्स ने मेंढक की तस्वीरों को देखा. एक्सपर्ट्स ने मेंढक के शरीर में उगी सफेद गांठ को Bonnet mushroom बताया. Bonnet mushroom सड़ी लकड़ी पर उगता है.

Bonnet mushroom सड़ी लकड़ी पर उगता है.
रिसर्च पेपर के मुताबिक, इससे पहले कभी भी ऐसी खोज नहीं हुई है जहां किसी मेंढक के शरीर से मशरूम निकलते पाया गया हो. क्योंकि मेंढक को पकड़ा नहीं गया, इसलिए किसी भी तरह का आंकलन संभव नहीं है. टीम ने बताया कि फंगस (Fungus) न्यूट्रिएंट्स साइकल यानी पोषक चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये पेड़ों और जीवों के लिए Saprotrophs (जीव जो मृत और सड़ने वाले पौधों का उपभोग करते हैं), Symbionts (जीव जो किसी भिन्न प्रजाति के दूसरे जीव के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा होता है), और Parasites (एक जीव जो किसी अन्य जीव में या उस पर रहता है) का काम करते हैं.

Batrachochytrium dendrobatidis नाम का फंगस एक बीमारी से जुड़ा होता है.
फंगस से जुड़ा है मशरूम

रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया कि Amphibians (ठंडे खून वाले जीव जो जमीन और पानी में रह सकते हैं) में Batrachochytrium dendrobatidis नाम का फंगस एक बीमारी से जुड़ा होता है. इसे Chytridiomycosis नाम से जाना जाता है. ये बीमारी इन जीवों की त्वचा को प्रभावित करती है. इससे उनकी त्वचा के माध्यम से पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और गैसों का आदान-प्रदान करने की क्षमता बाधित होती है.

फंगस इन जीवों के keratinized skin cells को सीधे प्रभावित करता है. इससे उनकी त्वचा मोटी हो जाती है और उसकी संरचना में भी बदलाव आता है. क्योंकि Amphibians अपनी त्वचा के माध्यम से सांस लेते हैं, उन्हें इस फंगस से ज्यादा खतरा रहता है.

अन्य एक्सपर्ट्स का क्या मानना है?

Bonnet mushroom एक्सपर्ट क्रिस्टोफ़र बुग्गे हार्डर दी न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) को बताया कि मेंढक पर उगी गांठ Bonnet mushroom जैसी लग तो रही है, पर ये कुछ और भी हो सकती है. इंडियन एक्सप्रेस ने NYT के हवाले से लिखा कि हार्डर और उनकी रिसर्च टीम ने हाल में पाया है कि Bonnet mushroom सिर्फ सड़ी लकड़ी पर ही नहीं, जीवित जड़ों पर भी उग सकता है. रिवरसाइड कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में फंगल इकोलॉजिस्ट सिडनी ग्लासमैन ने NYT को बताया कि उन्हें इस बात पर यकीन नहीं है कि ये वृद्धि एक मशरूम की तरह है. इस फैसले पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों को अभी और पड़ताल करनी पड़ेगी.

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