NASA की वेबसाइट को हैक होने से बचाया, बना रखी है 25000 हैकर्स की ‘शैतान की सेना’; आखिर कौन हैं UP के मृत्युंजय सिंह
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वाले बीएचयू के आईटी एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह ने नासा को करोड़ों का घात होने से बचा लिया है. अपनी मेहनत और लगन से मृत्युंजय सिंह ने नासा की वेबसाइट पर एक बग खोज निकाला, जो अगर समय पर ना निकाला जाता तो नासा की वेबसाइट हैक होने का भी खतरा था. अटल इन्क्यूबेशन सेंटर BHU के मृत्युंजय सिंह ने TV9 भारतवर्ष से खास बातचीत किया, जिसमें वो अपने नासा प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी है.
मृत्युंजय ने इस दौरान बताया कि ये काम करने में उन्हें सिर्फ़ 10 दिन लगे. 19 सितंबर को नासा की तरफ से इन्हें ये प्रोजेक्ट दिया गया था. लेकिन 29 सितंबर को इसे रिजेक्ट कर दिया गया. फिर 30 सितंबर को उन्हें नासा की तरफ से मेल आया जिसमें बताया गया कि इन्होंने वो बग खोज निकाला है. मृत्युंजय की ‘शैतान की सेना’ ने अब तक हजारों लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाया है. वहीं, अब मृत्युंजय को नासा की ओर से इसके लिए कई डॉलर मिलेंगे.
साइबर सिक्योरिटी जगत में बनाया नाम
मृत्युंजय ने साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई की है. रायपुर में ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने मन बना लिया था कि साइबर सिक्योरिटी जगत में कुछ बड़ा काम करना है. मृत्युंजय का मानना है कि आज के समय में साइबर ठगी फ्रॉड एक बड़ी समस्या है, इसमें डिजिटल अरेस्ट तेजी से बढ़ रहा है. इस तरह की ठगी से लोगों को बचाने के लिए मृत्युंजय ने ‘शैतान सेना’ बनाई है जिसमें दुनिया भर के लगभग 25000 हैकर्स शामिल हैं.
शैतान सेना ने हैकर्स की मदद से अब तक 100 करोड़ से ज्यादा एसेट वापस लौटाए हैं. वो कई पुलिस स्टेशन में भी अपनी सेवा देते रहे हैं. शैतान सेना मुफ़्त में साइबर फ्रॉड के शिकार हुए लोगों की मदद करती है और उनका पैसा लौटाती है. वहीं, टीवी9 को मृत्युंजय ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम से जुड़ी समस्या से निजात दिलाने का है.
पैसे गवां चुके लोगों की मदद करना है उद्देश्य
मृत्युंजय सिंह ने बताया कि उनका उद्देश्य साइबर फ्रॉड, साइबर क्राइम, न्यूड वीडियो कॉल, वॉइस क्लोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए अपने पैसे गवां चुके लोगों की मदद करना है. मृत्युंजय वाराणसी के रहने वाले हैं. चंदौली से स्कूल की पढ़ाई की है और फिर रायपुर से साइबर सिक्योरिटी की डिग्री लेने के बाद बीएचयू में हैं. वो कई पुलिस स्टेशन और सरकारी दफ्तरों में सेवाएं दे रहे हैं और लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बचा रहे हैं.
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