NATO से जंग की आशंका के बीच रूस में होने जा रहा SPIEF सम्मेलन, पुतिन के संबोधन पर रहेंगी नजरें

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में 5 से 8 जून तक सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (SPIEF) सम्मेलन होने जा रहा है. यह वार्षिक सम्मेलन रूस के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण मंच साबित होने वाला है. खासकर तब जब रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे साल में पश्चिमी देशों के लगाए गए प्रतिबंधों का सामना करने में रूस सफल हो चुका है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे, जिसमें वो रूस और नाटो के बीच संभावित सीधी टक्कर को लेकर रूस की तैयारी और दुनिया को रूस का संदेश दे सकते हैं. SPIEF में लगभग 136 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो इस आयोजन को वैश्विक मंच बनाते हैं. इस मंच पर रूस अपनी उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को दुनिया के सामने रखेगा.
रेलवे लाइन को लेकर बड़ा ऐलान
रूस से क्रीमिया को जोड़ने के लिए बनाए गए क्रीमिया ब्रिज को आज पूरी दुनिया में पहचान हासिल है. रूस की योजना सीमावर्ती शहर रोस्तोव से डोनबास होते हुए क्रीमिया तक रेलवे लाइन बिछाने की है. SPIEF में इसे लेकर औपचारिक घोषणा हो सकती है. इसके अलावा रूस हाई स्पीड रेलवे के चार प्रोजेक्ट पर भी इस सम्मेलन में चर्चा करेगा. प्रस्तावित योजना में 679 किलोमीटर लंबा मास्को से सेंट पीटर्सबर्ग और मास्को से बेलारूस की राजधानी मिंस्क का रूट शामिल है. क्रीमिया ब्रिज के बाद रूस के इन रेलवे परियोजनाओं को पुतिन की विरासत के रूप में भी देखा जा रहा है.
युद्ध के साथ आर्थिक मोर्चे पर सफल होने का दावा
रूस का कहना है कि वह पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में कामयाब हुआ है. रूस ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी वैक्सीन ‘स्पुतनिक वी’ विकसित की थी और अब वो दवा क्षेत्र में अपनी क्षमताएं और बढ़ाना चाहता है. इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भी रूस ने काफी तरक्की हासिल की है. रूस के लिए यह मंच अपनी छवि को सुधारने और दुनिया को अपना संदेश प्रसारित करने का एक अवसर है. रूस का मानना है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद उसने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और अब वह एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर शक्ति के रूप में उभर रहा है.
भारत और BRICS का SPIEF से कनेक्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2017 में बतौर मुख्य अतिथि SPIEF को संबोधित कर चुके है. भारत से हर साल बड़ा डेलीगेशन इस वैश्विक सम्मेलन में हिस्सा लेता है. इस साल रूस BRICS सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. ऐसे में SPIEF के दौरान ब्रिक्स के सदस्य देशों की बड़ी भागीदारी की उम्मीद है. राष्ट्रपति पुतिन ने सम्मेलन के आयोजन को लेकर भेजे संदेश में भी ब्रिक्स का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2006 में आयोजित सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम के दौरान ही ब्रिक्स का गठन करने का विचार आया था.

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