NEET के प्रश्न पर पहले भी हुए हैं बवाल, जानें कब- कब विवादों में रही परीक्षा

देश के सबसे कठिन परीक्षा में शामिल NEET यूजी के रिजल्ट को लेकर इन दिनों बवाल मचा हुआ है. कई जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं. छात्र पेपर लीक होने का आरोप लगा रहे हैं. जिससे एक बार फिर से इस परीक्षा के रिजल्ट को लेकर छात्रों में भारी नाराजगी है. वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब इस परीक्षा को लेकर विवाद हो रहा है. इससे पहले भी कई बार विवाद सामने आ चुके हैं.
मेडिकल एंट्रेंस के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं का विवादों से नाता रहा है. दो बार इसकी प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक के मामले भी सामने आ चुके हैं. परीक्षा के आयोजन को लेकर भी काफी गड़बड़ियां होती रही हैं, जिसको लेकर कई बार सवाल भी खड़े हो चुके हैं. पेपर में गलतियों के साथ ही इसके आयोजन में भी कई बार चूक हुई है. राजस्थान के सवाई माधोपुर में इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट को इस बार हिंदी मीडियम का पेपर दिया गया था. जिसको लेकर स्टूडेंट्स ने काफी बवाल खड़ा कर नाराजगी जाहिर की थी.
पहले भी हुआ विवाद
वहीं साल 2022 में भी इस तरह का मामला सामने आया था. देश के कई सेंटरों में स्टूडेंट्स को गलत पेपर दे दिए गए थे. उस समय ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था. नीट यूजी 2021 में पूछे गए फिजिक्स के एक प्रश्न को लेकर भी विवाद हुआ था. जिसको लेकर स्टूडेंट्स प्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट मेंचले गए थे. इस प्रश्न में हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में अंतर था. हर बार नीट यूजी परीक्षा में गड़बड़ी होती है, जिसको लेकर कई स्टूडेंट्स कोर्ट का रुख करते हैं.
परीक्ष में कभी पेपर लीक तो कभी हुई गड़बड़ी

नीट यूजी के पहले देश में ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट आयोजित किया जाता था. 2004 में परीक्षा का आयोजन हुआ. उस दौरान पेपर लीक हो गया जिसके बाद दोबारा से इस परीक्षा का आयोजन हुआ था.
साल 2015 में 3 मई को AIPMT का पेपर लीक हुआ था. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट के आदेश के बाद उसी साल 25 जुलाई को फिर से परीक्षा हुई.
साल 2016 में AIPMT की परीक्षा मई में होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल के आखिर में AIPMT की जगह neet-ug को मान्यता दे दी. जिसके सभी को neet-ug के दायरे में लाने की घोषणा भी कर दी गई. जिसके बाद 1 मई को हुई परीक्षा को neet-ug 1 माना गया. वहीं जो स्टूडेंट्स छूट गए थे उनके लिए 24 जुलाई neet-ug 2 की परीक्षा हुई थी. इसमें पहले परीक्षा दे चुके स्टूडेंट्स को ऑप्शन छूट दी गई थी कि वह इसमें शामिल हो भी सकते हैं और नहीं भी.
2021 में भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने नीट यूजी के दो स्टूडेंट्स को दोबारा परीक्षा लेने के आदेश दिए थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के इस आदेश को खारिज कर दिया था. इस मामले में भी इनविजीलेटर की गलती से टेस्ट बुक और ओएमआर शीट मिक्स हो गई थी.
neet-ug 2021 में पूछे गए फिजिक्स के एक सवाल को लेकर विवाद हुआ था. ये विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. मामले को लेकर स्टूडेंट्स प्रतिनिधि ने कोर्ट का रुख किया. दरअसल सवाल में हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में अंतर था.
17 जुलाई 2022 को आयोजित हुई परीक्षा में कई सेंटर गड़बड़ी हुई. इस दौरान दूसरे माध्यम के प्रश्न पत्र स्टूडेंट्स को दे दिए गए थे. इस गड़बड़ी के चलते स्टूडेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इन सेंटर्स में महात्मा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी कोल्लम केरल, आर्मी पब्लिक स्कूल और साधावली केंट श्रीगंगानगर राजस्थान, केन्द्रीय विद्यालय हरदा रोड होशंगाबाद मध्य प्रदेश, पीजी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कप्तानगंज कुशीनगर उत्तर प्रदेश, माउंट लिटेरा जी स्कूल भिंड मध्य प्रदेश और सेंट पॉल्स स्कूल डीडवाना रोड कुचामन नागौर राजस्थान जैसे सेंटर्स शामिल थे.
इसके साथ ही कोटा के प्रगति पब्लिक स्कूल और उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के एक परीक्षा सेंटर में भी गड़बड़ी की शिकायत आई थी. इनमें से कुछ सेंटर पर दोबारा परीक्षा भी हुई थी.लगभग हर साल neet-ug के पूछे जाने वाले एक या दो प्रश्न पर विवाद खड़ा होता है, इन पर स्टूडेंट्स विरोध भी करते हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *