NEET-UG 2024: क्या था वो प्रश्न? जिसके चक्कर में 13 लाख स्टूडेंट्स की बदल जाएगी रैंकिंग

नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने कहा है कि दोबारा परीक्षा नहीं होगी. अदालत ने एनटीए द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए डेटा की स्वतंत्र रूप से जांच की है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताया है. सरकार कहती रही है कि बड़े पैमाने पर लीक नहीं हुआ है. कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा है. उन्होंने कहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा के अंतिम परिणाम दो दिनों में घोषित किए जाएंगे. इससे पहले 4 जून को रिजल्ट घोषित हुआ था. फिर 1 जुलाई को एनटीए ने संशोधित परिणाम घोषित किए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा है कि 13 लाख छात्रों की रैंकिंग में फेरबदल का सामना करना पड़ेगा. ये एक प्रश्न के दो जवाब के लिए दिए गए नंबर की वजह से हुआ है. कुछ छात्रों ने एक प्रश्न के दो विकल्पों के लिए अंक देने के एनटीए के फैसले को चुनौती दी थी. एक सवाल के 2 जवाब से उपजे भ्रम का छात्रों ने विरोध किया था. कहा था कि इसके चलते रैंकिंग बदल गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने IIT दिल्ली के निदेशक से विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर सही जवाब तय करने के लिए कहा था.
आईआईटी दिल्ली ने अपनी रिपोर्ट में कही ये बात
आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसमें कहा गया कि केवल एक ही सही उत्तर था, दो नहीं. IIT दिल्ली ने बताया कि उसके भौतिकी विशेषज्ञों की राय है कि ‘परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज होते हैं’ ये सही है.
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दूसरा विकल्प ‘प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं’. NTA ने दोनों विकल्पों में से किसी एक को सही चुनने वालों को पूरे 4 अंक देने का फैसला किया था. करीब 9 लाख उम्मीदवारों ने पहला विकल्प चुना था. 4 लाख से अधिक ने दूसरा विकल्प चुना था. अब उन्हें 5 अंक (प्रश्न के लिए 4 प्लस 1 नकारात्मक अंक) का नुकसान होगा.
हम उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कह सकते हैं
CJI ने कहा कि IIT दिल्ली के प्रोफेसरों की कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक, जिस सवाल के दो जवाब सही माने गए थे, उसके चौथे ऑप्शन को सही माना गया है. वहीं, एक वकील द्वारा व्यक्तिगत मामले को उठाए जाने पर CJI ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को व्यक्तिगत शिकायतें हैं, हम उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कह सकते हैं.
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सीजेआई ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इस कोर्ट का काम व्यक्तिगत शिकायतों पर गौर करना है. हम उन मामलों को अलग कर देंगे. एसजी की दलील के दौरान सीजेआई ने पूछा, टॉप 100 छात्रों में से कितने छात्र लीक वाले सेंटर से मिले थे. इस पर एसजी की ओर से जवाब दिया गया कि इसकी पूरी जानकारी देंगे.

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