न विदेश में पढ़ाई न कोई बड़ी डिग्री, फिर भी खड़ा कर दिया 8000 करोड़ का कारोबार, जूस और पानी से बनाया बिजनेस

बिजनेस करना और उसे सफल बनाना दोनों ही एक नदी के दो छोर हैं और इन दोनों छोर को मिलाने वाला ही दूसरों के लिए नजीर पेश करता है. ऐसी ही कुछ नजीर पेश की है पार्ले एग्रो की मालकिन नादिया चौहान ने. नादिया ने न तो विदेश से पढ़ाई की और न ही कोई बड़ी डिग्री हासिल की. सिर्फ पिता जी के दिए तजुर्बो के दम पर 300 करोड़ की कंपनी को 8000 करोड़ की पूंज में बदल दिया.

नादिया ने साल 2003 में अपने पिता प्रकाश चौहान के साथ पार्ले एग्रो (Parle Agro) कंपनी ज्‍वाइन किया था. उस समय कंपनी का टर्नओवर सिर्फ 300 करोड़ रुपये था. साल 2017 तक आते-आते कंपनी का रेवेन्‍यू 4,200 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि 2022-23 में 8,000 करोड़ रुपये का राजस्‍व हासिल कर लिया. इस सफलता के पीछे नादिया का ही दिमाग बताया जाता है.

बचपन से ही सीखा कारोबारी गुर

फोर्ब्‍स के अनुसार, नादिया ने बचपन से ही कारोबारी गुर सीखने शुरू कर दिए थे और अपना खाली समय पिता के साथ कंपनी के मुंबई स्थित हेडक्‍वार्टर में बिताने लगीं. 37 वर्षीय नादिया अभी कंपनी की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर हैं. उनकी बड़ी बहन शाउना चौहान कंपनी की सीईओ हैं.

नादिया के पैदा होने पर बनी थी कंपनी

पार्ले एग्रो कंपनी की शुरुआत भी साल 1985 में हुई थी, जब नादिया का जन्‍म हुआ था. तब उनके पिता प्रकाश चौहान स्‍वीडिश कंपनी के मैंगो प्रोडक्‍ट को टेट्रा पैक में बनाते थे. नादिया ने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 17 साल की उम्र में ही कंपनी ज्‍वाइन कर ली थी. तब उन्‍होंने देखा कि कंपनी की 95 फीसदी कमाई सिर्फ एक ही प्रोडक्‍ट फ्रूटी से होती है.

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