कोरोना वैरिएंट JN.1 को लेकर नेपाल अलर्ट, उत्तराखंड बॉर्डर पर कब बैठेगी मेडिकल टीम?
देश में कोरोना नए वैरिएंट JN.1 की दस्तक के बाद फिर से संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। इंडिया में बढ़ते मामलों को देखते हुए सीमा पर नेपाल सरकार तो सतर्क हो गई। बॉर्डर पर डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। लेकिन, भारतीय प्रशासन लापरवाही बरत रहा है।
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले में भारत-नेपाल बॉर्डर पर झूलापुलों में भारत की तरफ से लोगों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। तो दूसरी ओर, नेपाल में स्वास्थ्य विभाग की टीम बैठी हुई है। पिथौरागढ़ में धारचूला से लेकर झूलाघाट तक बगैर जांच के ही नेपाली नागरिक प्रवेश कर रहे हैं।
नेपाल सीमा पर कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है। बुधवार को झूलाघाट में झूलापुल खुलते ही दोनों देशों के नागरिक एक से दूसरे देश में आवाजाही करने लगे। इस दौरान उनकी किसी भी प्रकार की जांच नहीं हुई।
यानि की लोग बगैर किसी स्वास्थ्य जांच के एक से दूसरे में आवाजाही कर रहे थे। झूलापुल में केवल एसएसबी की ही टीम नजर आई, जो नेपाल आवाजाही कर रहे लोगों की इंट्री और जांच में जुटी हुई थी। बाद में टीम नेपाल क्षेत्र पहुंची।
यहां नेपाल पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की भी टीम ड्यूटी पर तैनात नजर आई। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने पूर्व में चौकी स्थापित की थी, जो जारी है। बॉर्डर पार करने वालों की निगरानी की जा रही है।
पिथौागढ़ जिले धारचूला में भी जांच की नहीं कोई व्यवस्था
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचूला, जौलजीबी, बलुवाकोट सहित अन्य नेपाल सीमा पर स्थित झूलापुलों में भी कोरोना जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। बुधवार को झूलापुलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर नहीं आई। लोगों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद प्रशासन को सीमा पर सतर्कता बरतनी चाहिए। सीमांत के लोगों को कोरोना के नए खतरे से सुरक्षित रखा जा सके।
शासनस्तर से झूलापुल में जांच के निर्देश प्राप्त नहीं हुए है। नेपाल में पूर्व से ही स्वास्थ्य चौकी स्थापित है। वर्तमान में कोविड की जांच वहां भी नहीं की जा रही है।
दिव्या नाथ, प्रभारी झूलाघाट अस्पताल।
दिल्ली में केस मिलने के बाद उत्तराखंड में अलर्ट
दिल्ली में कोरोना नए वैरिएंट JN.1 के केस मिलने के बाद उत्तराखंड में अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी जारी करते हुए अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। खांसी, जुखाम और बुखार के मरीजों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी आपदा से निपटने को अस्पतालों में बेड भी रिजर्व किए गए हैं।