New Telecom Bill में WhatsApp-Telegram जैसे ऐप्स को राहत, नाबालिगों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए नई शर्त
इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री नए टेलीकॉम बिल और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के नए नियमों पर तेजी से आगे बढ़ रही है. सबसे बड़ी राहत वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म के लिए है. ये प्लेटफॉर्म बिल के दायरे से बाहर रहेंगे. दूसरी तरफ, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के नियमों का कड़ा किए जाने की तैयारी है. इससे भारतीय नागरिकों का डेटा शेयर करना टेक कंपनियों के लिए आसान नहीं होगा.
सरकार जल्द ही डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नए नियम जारी कर सकती है. यूनियन इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि नए नियमों का ड्राफ्ट एक महीने के अंदर चर्चा के लिए जारी कर दिया जाएगा. चर्चा के बाद नियमों को लागू किया जाएगा. नए नियमों के लागू होने के बाद सोशल मीडिया कंपनियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा.
वॉट्सऐप और टेलीग्राम ऐप्स को राहत
केंद्र सरकार ने बीते साल 18 दिसंबर 2023 को लोकसभा में टेलीकॉम बिल 2023 पेश किया था. वहां से इसे पास भी कर दिया गया. हालांकि, इस बिल के आने से वॉट्सऐप और टेलीकॉम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म को राहत मिलेगी, क्योंकि इन्हें नए टेलीकॉम बिल के तहत रेगुलेट नहीं किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, टेलीकॉम बिल तैयार करने के दौरान इन्हें परामर्श से बाहर रखा गया था. इस बारे में पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर का बयान भी रिकॉर्ड में है.
नाबालिगों के सोशल मीडिया अकाउंट की नई शर्त
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नए नियमों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों का सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति लेना जरूर कर दिया जाएगा. इसके अलावा सोशल मीडिया कंपनियां बच्चों की एक्टिविटी भी नहीं ट्रैक कर सकेंगी. इससे सोशल मीडिया की आड़ में नाबालिगों के डेटा के साथ खिलवाड़ की घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी.
सरकार कई चरणों के अंदर नियमों को लागू करेगी
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के तहत केंद्र सरकार कई चरणों में नियमों को लागू करेगी. नियमों के तहत डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड भी बनाया जाएगा. इसके अलावा सरकार एक डेटा ट्रिब्यूनल बनाने की भी तैयारी कर रही है.
नए नियमों में इस बात का भी प्रावधान किया जाएगा कि यूजर्स का डेटा लेने से पहले सोशल मीडिया कंपनियों को उनकी मंजूरी लेनी होगी. बिना मंजूरी के कंपनियां यूजर्स का डेटा शेयर नहीं कर सकेंगी.
ब्रॉडकास्ट बिल पर सरकार ने कदम पीछे खींचे
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल, 2024 पर फिलहाल आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. यह एक प्रस्तावित कानून है जिसका मकसद भारत में ब्रॉडकास्ट सर्विस के लिए रेगुलटरी फ्रेमवर्क में सुधार करना है. बिल का पहला ड्राफ्ट 2023 में पेश किया गया था और इसे पब्लिक कंसल्टेशन के लिए पब्लिश किया गया था.
इस बिल लाया गया क्योंकि टेलीग्राफ एक्ट को टेलीकॉम एक्ट में बदला जा रहा है. 1885 का एक्ट ब्रॉडकास्ट के लिए रेगुलेटर फ्रेमवर्क दे रहा था, हालांकि तब वह अस्तित्व में नहीं था.
इसलिए जब टेलीग्राफ एक्ट को निरस्त किया जाना है और टेलीकॉम एक्ट को इसकी जगह लेनी है, तो तभी I&B मिनिस्ट्री ने ब्रॉडकास्ट सर्विस बिल पर काम किया. इसके जरिए टेलीग्राफ एक्ट निरस्त होने के बाद अगर कोई नियामक अंतर हो तो उसे भरा जा सकेगा.