कोरोना का नया वैरिएंट 10 राज्यों में फैला, केरल में सबसे अधिक मरीज
देश में कोरोना वायरस के नए सब वैरिएंट जेएन.1 के मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है. इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSCOG) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के नए सब वैरिएंट के कुल मामलों की संख्या अब बढ़कर 312 पहुंच गई है. इनमें से करीब 47 फीसदी मामले केवल केरल में दर्ज किए गए हैं. अभी तक 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जेएन.1 के मामले सामने आ चुके हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जेएन 1 को कई देशों में फैलने के बाद इसे निगरानी में रखे जाने वाले वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है. इसके साथ-साथ इससे पैदा होने वाले अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कम आंका है. आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में देशभर में जेएन.1 के 279 मामले पाए गए थे जबकि उससे पहले यानी नवंबर पर केवल 33 केस ही मिले थे.
देश में कोरोना के 573 नए मामले सामने आए
वहीं, कोरोना वायरस के कुल मामलों की बात करें तो मंगलवार को भारत में कोरोना वायरस के 573 नए मरीज मिले. इसी के साथ देश में एक्टिव मरीजों की संख्या 4565 पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है.
चार साल संक्रमितों का आंकड़ा 5.3 लाख के पार
साल 2020 की शुरुआत से लेकर अब तक करीब चार साल में देशभर में कोरोना वायरस करीब 4.5 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 5.3 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 98.81 फीसदी है.
लेह के पब्लिक प्लेस में मास्क अनिवार्य, कई राज्यों में सावधानी
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में लोगों के अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की गई है. खासकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचने की सलाह दी गई है. इसके अलावा लेह में पब्लिक प्लेस में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
किस राज्य में कितने मरीज?
आईएनएसएसीओजी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, केरल (147) गोवा (51), गुजरात (34), महाराष्ट्र (26), तमिलनाडु (22), दिल्ली (16), कर्नाटक (आठ), राजस्थान (पांच), तेलंगाना (02) और ओडिशा में एक मामले सामने आ चुके हैं. राहत की बात है कि इनमें से कई मरीज घर पर ही इलाज करा रहे हैं जबकि कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.