इनकम टैक्स पर निर्मला सीतारमण ने की ये बड़ी घोषणा, टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट और लगातार छठी बार बजट पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे युवा देश में उच्च आकांक्षाएं हैं, अपने वर्तमान पर गर्व है और उज्ज्वल भविष्य के लिए आशा और विश्वास है.

हम उम्मीद करते हैं कि हमारी सरकार को उसके शानदार काम के आधार पर लोग फिर से शानदार जनादेश देंगे।

आयकरदाताओं को कोई राहत नहीं वहीं,

इनकम टैक्स पर बोलते हुए सीतारमण ने इस बार आयकरदाताओं को कोई राहत नहीं दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, राजकोषीय घाटा 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 44.90 करोड़ रुपए का खर्च है और 30 लाख करोड़ का रेवन्यू आने का अनुमान है। वहीं, 10 साल में इनकम टैक्स कलेक्शन तीन गुना बढ़ गया है। मैंने टैक्स रेट में कटौती की है। 7 लाख की आय वालों को कोई कर देय नहीं है।2025-2026 तक घाटा को और कम करेंगे। जीएसटी ने व्यापार और उद्योग पर अनुपालन के बोझ को कम कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था ने सभी को फायदा पहुंचाया है और सरकार का टैक्स कलैक्शन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान की गई है. रिफंड भी जल्द जारी किया जाता है. जीएसटी संग्रह दो गुना हो गया है. जीएसटी से अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को बदला गया है.

बजट 2023-24 पेश किया गया नया टैक्स स्लैब

0 से तीन लाख पर 0 फीसदी 3 से 6 लाख पर 5 फीसदी 6 से 9 लाख पर 10 फीसदी 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी 12 से 15 लाख पर 20 फीसदी 15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी

पुराना इनकम टैक्स स्लैब 2.5 लाख तक- 0% 2.5 लाख से 5 लाख तक- 5% 5 लाख से 10 लाख तक- 20% 10 लाख से ऊपर- 30%

2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 फीसद रहने का अनुमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हमने अंतरिम बजट की परंपरा को जारी रखा है। दरअसल, अंतरिम बजट में किसी तरह की लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की जाती हैं. यही वजह है कि सरकार ने किसी तरह की घोषणाएं करने से परहेज किया है। हालांकि, कॉर्पोरेट टैक्स घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 फीसद रहने का अनुमान है।

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