नीतीश के आखिरी दांव से टेंशन में आरजेडी, लालू के विधायक ने चला ’65’ वाला सियासी चाल
12 फरवरी को जेडीयू और बीजेपी की बनी नई सरकार की अग्नि परीक्षा होनी है। इससे पहले आरजेडी और जेडीयू, दोनों ही खेमे में सरगर्मी बढ़ गई है। शनिवार ( 10 फरवरी ) को दोनों ही खेमों में भोज का आयोजन किया गया, ताकि भोज-भात के बहाने विधायकों को बुलाकर उनका मन टटोला जाए। और एक बेहतर माहौल में फ्लोर टेस्ट के दौरान रणनीति तैयार की जाए। इस दौरान भोज पर पहुंचे दोनों ही खेमे के विधायक और नेता, अपने-अपने दलों के साथ मजबूती से खड़े नजर आए। आरजेडी खेमा तेजस्वी के साथ, तो जेडीयू के विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़े नजर आए।
आरजेडी नेता का बड़ा बयान
भोज-भात के बीच आरजेडी विधायक और अनुभवी नेता भाई वीरेंद्र ने बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा भंग करना चाहते हैं। उन्होंने तमाम विधायकों से अपील की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंसूबे पर पानी फेरिए। आप लोगों ( विधायक ) को पास केवल 20 महीने ही बचे हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति हमेशा राजा बना रहे, ये तो नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश तो परिषद के सदस्य हैं। फिर विधान परिषद चले जाएंगे, बाकी का क्या होगा? इसलिए फ्लोर टेस्ट के दौरान सोच समझकर वोट कीजिए।
65 फीसदी विधायक हार जाते हैं चुनाव
जब भाई वीरेंद्र से पूछा गया कि 12 फरवरी को क्या होगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा फिलहाल अभी इस बात को पर्दे के पीछे ही रहने दीजिए। भाई वीरेंद्र ने आगे कहा कि नीतीश कुमार चाह रहे हैं कि विधानसभा भंग कर दोबारा चुनाव करना, इसलिए मैं सभी दल के विधायकों से अपील करूंगा कि उनके मंसूबे पर पानी फेरिये। विधायकों के पास 20 महीना ही समय बचा हुआ है। भाई वीरेंद्र ने आगे कहा कि 65 फीसदी विधायक दोबारा चुनाव जीत कर सदन नहीं पहुंचते हैं। ऐसे में सभी विधायकों को सोच समझकर फैसला लेना चाहिए।