समुद्री लुटेरों की खैर नहीं, भारत ने अदन की खाड़ी में उतारा अपना खतरनाक मिसाइल विध्वंसक पोत

समुद्री लुटेरों की खैर नहीं, भारत ने अदन की खाड़ी में उतारा अपना खतरनाक मिसाइल विध्वंसक पोत

समुद्री डाकुओं द्वारा माल्टा ध्वज वाले मालवाहक जहाज के अपहरण के बाद भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री डकैती रोधी मिशन को तेज कर दिया है. इस के तहत भारत ने अदन की खाड़ी में दूसरा फ्रंटलाइन पोत तैनात कर दिया है.

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी क्षेत्र में समुद्री डकैती को रोकने के प्रयासों को बढ़ाने की दिशा में इस इलाके में एक और स्वदेशी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत तैनात किया है. भारतीय नौसेना के मुताबिक, वह इस क्षेत्र में ‘सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले’ के रूप में, व्यापारिक जहाज नौवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्र में नाविकों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है.

आपको बता दें कि यूनाइटेड किंगडम समुद्री व्यापार संचालन-यूकेएमटीओ के पोर्टल पर 14 दिसंबर 2023 की रात को माल्टा के ध्वज वाले जहाज एमवी रुएन पर संभावित समुद्री डकैती की घटना के बारे में एक रिपोर्ट की जानकारी मिली थी जिसमें बताया गया कि जहाज पर छह अज्ञात कर्मी सवार थे.

आईएनएस कोच्चि को भी किया गया था रवाना

इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के रूप में भारतीय नौसेना का समुद्री गश्ती पोत 15 दिसंबर 2023 को एमवी रुएन जहाज की तलाश में पहुंचा और चालक दल के साथ संचार स्थापित किया. इस दौरान 18 सदस्यीय चालक दल (एमवी जहाज पर कोई भी भारतीय सवार नहीं था) में सभी को उस इलाके में सुरक्षित बताया गया. साथ ही, इस घटना पर कार्रवाई करते हुए अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए तैनात आईएनएस कोच्चि को भी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तुरंत रवाना कर दिया गया था.

आईएनएस कोच्चि ने 16 दिसंबर 2023 को तड़के एमवी रुएन को रोकने का प्रयास किया और स्थिति का आकलन करने के लिए अपना एक महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर भेज दिया. चालक दल से यह सूचना मिली थी कि एमवी रूएन जहाज पर आंतरिक ढांचे की व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया गया था और समुद्री लुटेरों ने चालक दल के सभी सदस्यों को बंधक बना लिया था. वारदात के समय चालक दल के एक सदस्य को चोटें आई थीं, लेकिन उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

नौसेना ने की थी चालक दल के सदस्य की मदद

16 दिसंबर को ही एक जापानी युद्धपोत भी इस जल क्षेत्र में पहुंचा और बाद में स्पेनिश युद्धपोत ईएसपीएनएस विक्टोरिया द्वारा भी उसे सहायता प्रदान की गई. अपहृत किये गए जहाज को 17 दिसंबर को सोमालिया के जल क्षेत्र में (बोसासो से दूर) ले जाया गया. भारतीय नौसेना का आईएनएस कोच्चि यह सुनिश्चित करने में सफल रहा कि चालक दल के घायल सदस्य को चिकित्सा उपचार हो सके. समुद्री लुटेरों द्वारा उसे रिहा कर दिया गया. भारतीय नौसेना के जहाज पर अपहृत चालक दल के उस घायल सदस्य की चिकित्सकीय देखभाल की गई.

लाल सागर के लिए एकजुट हुए 20 देश

इस बीच लाल सागर में लगातार हो रही लूटपाट को देखते हुए अमेरिका ने अहम कदम उठाया है. दरअसल ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से होकर इजरायल जाने वाले जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी है. इसे देखते हुए अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को करारा जवाब देने के लिए 20 से अधिक देश अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए हैं.

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